स्पेस स्टेशन का काम पूरा करने की जिम्मेदारी, चीन ने भेजे तीन अंतरिक्ष यात्री
चीन ने एक नया शेनझोऊ 14 मिशन लॉन्च किया है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन का काम पूरा करने के लिए भेजा गया है। ये अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहे स्पेस स्टेशन का असेंबली वर्क पूरा करेंगे। नए मिशन के साथ भेजा गया क्रू टियानगांग स्टेशन में छह महीने का वक्त बिताएगा। बता दें, यह मिशन उत्तर पूर्वी चीन के गांसू क्षेत्र से रविवार सुबह लॉन्च किया गया है।
जोड़े जाएंगे दो नए लैबोरेटरी मॉड्यूल्स
शेनझोऊ 14 मिशन का क्रू अगले छह महीनों के लिए टियानगांग स्टेशन भेजा गया है। इन छह महीनों के दौरान तीनों अंतरिक्ष यात्री दो लैबोरेटरी मॉड्यूल्स को मेन तिआन्हे लिविंग स्पेस से जोड़ने का काम करेंगे। इस तिआन्हे लिविंग स्पेस को चीन की ओर से पिछले साल अप्रैल में लॉन्च किया गया था। नए मिशन के साथ अंतरिक्ष में रिसर्च और वैज्ञानिक परीक्षणों को बढ़ावा मिलेगा और इनपर निवेश बढ़ाया जाएगा।
15 मिनट में अंतरिक्ष पहुंच गया यान
स्पेसशिप ने गोबी रेगिस्तान के पास मौजूद जिउकुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से रविवार सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर उड़ान भरी। इस मिशन में क्रू के स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम को लॉन्ग मार्च 2F रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष भेजा गया। करीब 15 मिनट में यह स्पेसशिप लो अर्थ ऑर्बिट में पहुंच गया और इसके सोलर पैनल्स खुल गए। इस मिशन को जिउकुआन और बीजिंग के कमांड सेंटर्स से कंट्रोल किया जा रहा था।
तीन-मॉड्यूल स्ट्रक्चर को जोड़ने का लक्ष्य
कमांडर चेन डांग और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री लिउ यांग और काई जूझे साथ मिलकर तीन-मॉड्यूल वाले स्ट्रक्चर को मौजूदा तिआन्हे से जोड़ेंगे। जुलाई और अक्टूबर में अंतरिक्ष पहुंचने वाले वेंटियन और मेंग्टियन को भी इससे जोड़ा जाएगा। आपको बता दें, एक और कार्गो क्राफ्ट तियानझोऊ-3 स्टेशन से पहले ही डॉक्ड है। बता दें, इस लॉन्च का सीधा प्रसारण स्टेट टेलीविजन पर दिखाया गया, जिससे चीन की अंतरिक्ष क्षमता का पता बाकियों को चल सके।
जानें मिशन पर भेजे गए क्रू के बारे में
साल 2016 में शेनझोऊ मिशन का हिस्सा रहे 43 साल के चेन ने कहा, "नए मॉड्यूल्स के सथ ज्यादा स्थिरता, फंक्शंस और उपकरण स्पेस स्टेशन से जोड़े जाएंगे।" चेन के साथ गईं 43 साल की लिउ साल 2012 में शेनझोऊ 9 मिशन के साथ अंतरिक्ष में जाने वाली चीन की पहली महिला रही हैं। वहीं, 46 साल के काई की यह पहली अंतरिक्ष यात्रा है। मिशन के आखिर में शेनझोऊ 15 का क्रू इन अंतरिक्ष यात्रियों का साथ देने पहुंचेगा।
साल 2003 में शुरू हुआ स्पेस प्रोग्राम
चीन का स्पेस प्रोग्राम साल 2003 में पहला यात्री अंतरिक्ष में भेजने के साथ शुरू हुआ। इस तरह सोवियन संघ रूस और अमेरिका के बाद चीन अपने यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने वाला तीसरा देश बना। पिछले साल चीन चांद और मंगल ग्रह पर रोवर्स सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है। पिछले मिशन्स में चीन लूनर सैंपल्स भी ला चुका है और चांद पर इंसान भेजने के मिशन पर काम कर रहा है।
चीन के पास है एक नकली सूरज
चीन के पास पहले ही एक कृत्रिम सूरज है, जिसकी मदद से देश की ऊर्जा से जुड़ी जरूरतें पूरी की जा सकती हैं। एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामाक (EAST) नाम के इस सूरज ने बीते दिनों असली सूरज से पांच गुना ज्यादा तापमान पैदा किया। इस सूरज ने 1,056 सेकेंड तक करीब सात करोड़ डिग्री तापमान पैदा किया और ऐसा लगातार कर पाने की स्थिति में यह चीन के बड़े हिस्से को असली सूरज की तरह रोशनी और गर्मी दे सकेगा।