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शुक्र पर अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी, ISRO ने कहा- बेहद कम समय में मिशन संभव
शुक्र पर अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी, ISRO ने कहा- बेहद कम समय में मिशन संभव

शुक्र पर अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी, ISRO ने कहा- बेहद कम समय में मिशन संभव

May 04, 2022
05:30 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष के क्षेत्र में आए दिन नए कीर्तिमान रच रहा भारत अब शुक्र पर यान भेजने की तैयारी में हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि भारत के लिए बेहद कम समय में शुक्र पर मिशन भेजना संभव है और उसके पास इसकी क्षमता पहले से ही है। उन्होंने कहा कि इस पर काफी सालों से काम हो रहा है और इसकी पूरी योजना तैयार है।

बयान

ISRO प्रमुख ने क्या कहा?

अंतरिक्ष आधारित अध्ययनों पर हुई एक दिवसीय बैठक में बोलते हुए ISRO प्रमुख सोमनाथ ने कहा कि भारत के पास शुक्र पर मिशन भेजने की क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा, "इस पर काफी सालों से काम चल रहा था। शुक्र अभियान की कल्पना हो गई है, प्रोजेक्ट रिपोर्ट बन गई है, बाकी प्लान तैयार है, पैसे की पहचान कर ली गई है, ये सब हो चुका है। भारत के लिए बेहद कम समय में शुक्र पर मिशन भेजना संभव है।"

लक्ष्य

शुक्र के वातावरण का अध्ययन करेगा मिशन

भारत के इस मिशन का लक्ष्य शुक्र के वातावरण का अध्ययन करना होगा जो बेहद विषाक्त और संक्षारक है। शुक्र पर सल्फ्यूरिक एसिड के बादल हैं और इन्होंने पूरे ग्रह को घेरा हुआ है। सोमनाथ ने कहा, "हमारा लक्ष्य यह पता करना होगा कि कौन से अद्वितीय अतिरिक्त अवलोकन किए जा सकते हैं और हम वो सब रिपीट नहीं कर रहे जो पहले ही कर चुके हैं। अगर हम कुछ अद्वितीय करते हैं तो इसको वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।"

अहमियत

क्यों अहम है शुक्र ग्रह?

शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह कहा जाता है क्योंकि इसका वजन, आकार और गुरुत्वाकर्षण बल लगभग पृथ्वी के बराबर है। वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी समय शुक्र पृथ्वी की तरह हुआ करता था। उनके अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण शुक्र के वातावरण की ये स्थिति हुई है। इसी कारण ये इंसान के लिए अहम हो जाता है और इसका अध्ययन करके पृथ्वी के भविष्य के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है।

अन्य देश

NASA और यूरोपियन स्पेस एजेंसी भी भेजेंगे शुक्र पर मिशन

बता दें कि भारत के अलावा अमेरिका की NASA भी शुक्र पर दो अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने लगभग 1 अरब डॉलर का खर्च किया है। इन यानों को 2028 से 2030 के बीच लॉन्च किया जाएगा। इन मिशनों का लक्ष्य ये जानना होगा कि पृथ्वी जैसे इतने चरित्र होने के बावजूद शुक्र अपनी मौजूदा स्थिति में कैसे पहुंचा। NASA के अलावा यूरोपियन स्पेस एजेंसी की भी शुक्र पर मिशन भेजने की योजना है।