दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप जेम्स वेब, जानें इससे जुड़ी खास बातें
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का नाम इन दिनों दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसकी मदद से सामने आईं तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA की ओर से इसे हबल टेलीस्कोप के अपग्रेड के तौर पर लॉन्च किया गया था और इसने अंतरिक्ष की पहली पांच तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों में पहली बार अंतरिक्ष के अनदेखे और रोमांचक पहलू सामने आए हैं। आइए इससे जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं।
टेलीस्कोप को मिला दूसरे NASA प्रमुख का नाम
सबसे पहले इस स्पेस टेलीस्कोप के नाम के बारे में जानते हैं। इसे जेम्स एडविन वेब का नाम दिया गया है, जिन्होंने साल 1961 से 1968 तक NASA प्रमुख की जिम्मेदारी निभाई। जेम्स के नेतृत्व में ही NASA एक को-ऑर्डिनेटेड ऑर्गनाइजेशन बना। इसके अलावा उन्हें अपोलो प्रोग्राम की नींव रखने का श्रेय भी दिया जाता है, जो इंसान को चांद तक लेकर गया। साल 2002 में उनके सम्मान में स्पेस टेलीस्कोप को जेम्स वेब नाम मिला।
इतिहास का सबसे बड़ा टेलीस्कोप है जेम्स वेब
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इंसानी इतिहास में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा टेलीस्कोप है। इसके आकार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें लगाई गई डायमंड-शेप की सनशील्ड का साइज एक टेनिस कोर्ट जितना है। साथ ही इसमें 21.3 फीट का प्राइमरी मिरर दिया गया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसपर करीब 25 लाख रुपये कीमत वाले 48 ग्राम सोने की परत चढ़ाई गई है।
टेलीस्कोप के ऊपर इसलिए चढ़ी है सोने की परत
NASA के बड़े टेलीस्कोप में 18 गोल्ड-प्लेटेड छह किनारों वाले मिरर लगाए गए हैं। सोने की परत चढ़ाए जाने के पीछे खास वजह है और इसकी मदद से इंफ्रारेड लाइट को परावर्तित किया जा सकता है। अंतरिक्ष में सुदूर क्षेत्रों तक देखने का मतलब है कि अरबों प्रकाश वर्ष दूर से इसतक प्रकाश आता है। सोना दूसरे धातुओं से प्रतिक्रिया ना करने के चलते टिकाऊ है और 99 प्रतिशत प्रकाश परावर्तित करते हुए टेलीस्कोप ठंडा रखने में भी मदद करेगा।
टेलीस्कोप में सुधार करना संभव नहीं
टेलीस्कोप से जुड़ी खास बात यह है कि इसे हबल की तरह रिपेयर या सर्विस करने का विकल्प नहीं है। दरअसल, हबल धरती से करीब 600 किलोमीटर दूर था, वहीं जेम्स वेब सूर्य और पृथ्वी के लग्रांज बिंदु पर करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है।
550 किलोमीटर दूर से एक फुटबॉल देख सकता है जेम्स वेब
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ना सिर्फ आकार में बल्कि क्षमता के मामले में भी अब तक का सबसे ताकतवर टेलीस्कोप है। इसकी क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह 0.05 इंच मोटे और 0.75 इंच व्यास वाले सिक्के को 64 किलोमीटर दूर से देख सकता है। आपको बता दें, इस मौजूदा क्षमता के साथ टेलीस्कोप करीब 550 किलोमीटर दूर से एक फुटबॉल देखने में सक्षम है।
-223 डिग्री सेल्सियस तक उपकरण का तापमान
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की जो सतह सूरज की ओर है, उसका तापमान करीब 85 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, इसके पीछे वाली सतह का तापमान -223 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, क्योंकि इसपर सरज की रोशनी या गर्मी का असर नहीं पड़ता।
लग्रांज बिंदु पर इसलिए स्थिर है टेलीस्कोप
NASA के मुताबिक, लग्रांज पॉइंट्स अंतरिक्ष में ऐसे बिंदु होते हैं, जहां किसी पिंड पर दोनों ओर से बराबर गुरुत्वाकर्षण बल लगता है। सूर्य से पृथ्वी के केंद्र की ओर एक सीधी रेखा खींची जाए तो जिन बिंदुओं पर सूर्य और पृथ्वी दोनों से बराबर गुरुत्वाकर्षण बल लगेगा, वहां पहुंचने वाला सैटेलाइट स्थिर हो जाते हैं। सूर्य और धरती के आसपास कुल पांच लग्रांज पॉइंट्स हैं और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप दूसरे लग्रांज बिंदु पर स्थित है।