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होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / इंसानों तक पहुंचने के लिए क्वॉन्टम मेसेजेस की मदद ले सकते हैं एलियंस- रिपोर्ट
टेक्नोलॉजी

इंसानों तक पहुंचने के लिए क्वॉन्टम मेसेजेस की मदद ले सकते हैं एलियंस- रिपोर्ट

इंसानों तक पहुंचने के लिए क्वॉन्टम मेसेजेस की मदद ले सकते हैं एलियंस- रिपोर्ट
लेखन प्राणेश तिवारी
Jul 07, 2022, 06:55 pm 3 मिनट में पढ़ें
इंसानों तक पहुंचने के लिए क्वॉन्टम मेसेजेस की मदद ले सकते हैं एलियंस- रिपोर्ट
एलियंस लाइट पार्टिकल्स जैसे क्वॉन्टम मेसेजेस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर कोई दूसरी दुनिया है और उसपर रहने वाले इंसानों की खोज कर रहे हैं, तो पहला सवाल उठता है कि वे कैसे संपर्क करेंगे। नई रिसर्च की मानें तो इंसानों से संवाद करने के लिए एलियंस किसी भाषा के बजाय फोटॉन्स या लाइट पार्टिकल्स जैसे क्वॉन्टम मेसेजेस का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिजिकल रिव्यू D में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मेसेजेस अंतरिक्ष में अरबों-खरबों किलोमीटर का सफर करने के बावजूद अपनी क्वॉन्टम प्रॉपर्टीज नहीं बदलेंगे।

संवाद
सुरक्षित माना जाता है क्वॉन्टम कम्युनिकेशन

क्वॉन्टम कम्युनिकेशन को अक्सर संवाद का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। रिसर्चर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अगर पृथ्वी पर हमारी दुनिया से अलग कोई परग्रही सच में मौजूद हैं, तो उन्होंने क्वॉन्टम कम्युनिकेशन अपना लिया होगा। हालांकि, क्वॉन्टम कम्युनिकेशन से जुड़ी एक बड़ी परेशानी यह है कि क्वॉन्टम पार्टिकल्स की जगह उनके आसपास मौजूद वातावरण के चलते प्रभावित हो सकती है। वातावरण का असर पार्टिकल्स की क्वॉन्टमनेस और मजबूती दोनों पर पड़ता है।

फायदा
अंतरिक्ष में फोटॉन्स के सफर करने की गति तेज

रिसर्चर अर्जुन बेरेरा ने कहा, "क्वॉन्टम स्टेट की बात करें तो आप बेहद नाजुक और संवेदनशील स्टेट के बारे में सोचते हैं, और अगर कोई बाहरी इंटरैक्शन होता है, तो आप उस स्टेट को लगभग नष्ट कर देते हैं।" हालांकि, अंतरिक्ष में क्वॉन्टम पार्टिकल्स ज्यादा तेजी से सफर कर सकते हैं, क्योंकि वहां मैटर का औसत घनत्व कम होता है। रिसर्चर्स ने जानने की कोशिश की कि लाइट या X-रेज अंतरिक्ष में बिना प्रभावित हुए सफर कर सकती हैं।

निष्कर्ष
लाखों प्रकाश वर्ष दूर जा सकते हैं X-रे फोटॉन्स

रिसर्च पेपर में बेरेरा और उनके साथी रिसर्चर जेमी काल्डेरॉन फिग्युएरोआ ने लिखा कि X-रे फोटॉन्स सैकड़ों-हजारों प्रकाश वर्ष की दूरी तक सफर कर सकते हैं। रिसर्चर्स ने एलियंस से मिलने वाले क्वॉन्टम डिस्पैचेज या मेसेज का पता लगाने का तरीका भी बताया। उनका मानना है कि क्वॉन्टम टेलिपोर्टेशन के साथ ऐसा कम्युनिकेशन संभव है। इसमें एक पार्टिकल की प्रॉपर्टीज दूसरे पार्टिकल में भेजी जाती हैं और वैज्ञानिक लगातार आते सिग्नल्स की तलाश कर सकते हैं।

जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस

प्रकाश वर्ष अंतरिक्ष में दूरी मापने की इकाई है और यह उस दूरी को दर्शाता है, जो प्रकाश अंतरिक्ष में एक साल में पूरी करता है। एक प्रकाश वर्ष लगभग 95 खरब (9.5 ट्रिलियन) किलोमीटर जितना होता है।

समझें
समझें क्वॉन्टम कम्युनिकेशन का मतलब

क्वॉन्टम पार्टिकल्स खास तरह की किरणों में शामिल कणों को कहते हैं, जिनकी अलग पहचान होती है। इन कणों या पार्टिकल्स को एक खास क्रम में भेजकर सिग्नल दिए जा सकते हैं। ऐसे में मेसेज रिसीव करने वाले को केवल क्वॉन्टम पार्टिकल्स की पहचान या प्रॉपर्टीज से जुड़ा पैटर्न देखना होगा। अंतरिक्ष में वातावरण से जुड़ी ज्यादा हलचल ना होने के चलते ऐसे पार्टिकल्स अपनी पहचान नहीं खोएंगे और मेसेज लाखों करोड़ों किलोमीटर दूर तक पहुंच सकेगा।

सवाल
क्या इस ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं?

इंसानों और वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष हमेशा से लुभाता रहा है, क्योंकि इसके ढेरों रहस्य हमारी पहुंच से बाहर हैं। यह दुनिया कैसे बनी या जीवन की शुरुआत कैसे हुई, इनके अलावा एक सवाल यह भी है कि क्या इस ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं है। अगर किसी दूसरे ग्रह पर जीवन है और वहां एलियंस मौजूद हैं, तो संभव है कि पृथ्वीवासियों की तरह वे भी इसी सवाल के जवाब तलाश रहे हों।

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प्राणेश तिवारी
प्राणेश तिवारी
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अपनी जिंदगी की कहानी खुद लिखने की चाहत और पत्रकार बनने की ज़िद, उत्तर प्रदेश के जिले बाराबंकी से पहले लखनऊ ले गई और फिर IIMC, दिल्ली। टेक्नोलॉजी की दुनिया के लिए लेखन और गैजेट्स से प्यार। बेहतर कल की उम्मीद में खुद को तलाशता खुराफाती पत्रकार।
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