चिकित्साकर्मियों के लिए IIT रुड़की ने बनाया चेहरे का सुरक्षा कवच, मात्र 45 रुपये आया खर्चा
पूरी दुनिया कोरोना वायरस (COVID-19) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। भारत सरकार ने इससे मुकाबले के लिए अपना पूरा दमखम लगा दिया है। इसी तरह देश में संचालित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के सभी संस्थान भी सरकार की तकनीकी मदद करने में जुटे हुए हैं। इसी बीच IIT रुड़की ने कारोना मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्साकर्मियों की मदद के लिए फेस शील्ड (चेहरे का सुरक्षा कवच) तैयार किया है।
इस शील्ड से ऐसे होगी चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा
IIT रुड़की के निदेशक प्रफेसर अजीत चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान के छात्रों ने AIIMS ऋषिकेश में कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए 3D प्रिंट फ्रेम वाली खास प्रोटेक्शन शीट से फेस शील्ड का निर्माण किया है। चश्मे की डिजाइन वाली यह फेस शील्ड पूरे चेहरे को नीचे गर्दन तक कवर करती है। इस ट्रांसपैरंट शीट को आवश्यकता पड़ने पर बदला भी जा सकता है।
फेस शील्ड को तैयार करने में आई 45 रुपये की लागत
IIT रुड़की के निदेशक ने बताया कि फेस शील्ड के निर्माण पर 45 रुपये की लगात आई है। 3D प्रिंट वाली इस शीट की कीमत 5 रुपये है और यदि इनका बहुतायत में निर्माण किया जाए तो इस पर 25 रुपये की लागत आएगी।
IIT रुड़की के निदेशक ने की छात्रों की तारीफ
IIT रुड़की के निदेशक प्रफेसर चतुर्वेदी ने फेस शील्ड के निर्माण के लिए संस्थान के छात्रों की कार्यकुशलता और नवाचार की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि "हम कोरोना रोगियों की देखभाल में जुटे चिकित्साकर्मियों और उनके अथक प्रयासों की सराहना करते हैं। मुझे यकीन है कि हमारे संस्थान के छात्रों ने जो फेस शील्ड तैयार की है, इससे चिकित्साकर्मियों को उपचार के दौरान होने वाला संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाएगा।"
IIT रुड़की की टिकरिंग लैब में किया गया शील्ड का निर्माण
इस फेस शील्ड का निर्माण IIT रुड़की की टिकरिंग लैब में किया गया है। टिंकरिंग लैब के समन्वयक अक्षय द्विवेदी ने बताया कि यह लैब छात्रों को कुछ अलग करने का मंच प्रदान करती है। इसमें छात्र आपस में एक-दूसरे के विचारों के साथ हर दिन कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। इसी कोशिश में छात्रों के दिमाग में फेस शील्ड बनाने का आईडिया आया था। इससे कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे चिकित्साकर्मियों को बड़ी सुरक्षा मिलेगी।
AIIMS ऋषिकेश में भेजा जा चुका है 100 फेस शील्ड का पहला बैच
टिंकरिंग लैब के समन्वयक द्विवेदी ने बताया कि छात्रों द्वारा तैयार की गई फेल शील्ड का पहला बैच AIIMS ऋषिकेश में भिजवा दिया गया है। इसमें करीब 100 फेस शील्ड है। मांग के अनुसार फेस शील्डों को और निर्माण किया जाएगा।
पोर्टेबल वेंटिलेटर भी बना चुकी है IIT रुड़की
बता दें कि IIT रुड़की के शोधकर्ता एक पोर्टेबल वेंटिलेटर का भी निर्माण का चुके हैं। इसका निर्माण कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए किया गया है। 'प्राण वायु' नाम के इस पोर्टेबल वेंटिलेटर को AIIMS ऋषिकेश के सहयोग से तैयार किया गया था। यह स्वचालित प्रक्रिया दबाव और प्रवाह की दर को सांस लेने और छोड़ने के अनुरूप नियंत्रित करता है। इसी तरह यह टाइडल वॉल्यूम और प्रति मिनट सांस को नियंत्रित भी कर सकता है।