दिल्ली दंगों के दौरान 200 पाकिस्तानी ट्विटर अकाउंट्स ने की थी नफरत फैलाने की कोशिश
क्या है खबर?
दिल्ली दंगों के दौरान भारतीय मुस्लिमों को भड़काने के लिए पाकिस्तान ने लगभग 200 ट्विटर अकाउंट्स का प्रयोग किया था।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार एक डॉजियर में ये जानकारी दी गई है।
इन ट्वीट्स में कहा गया था कि दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस ने मुस्लिमों को निशाना बनाया। इन पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल्स ने भारत में बनाए गए कुछ ट्विटर अकाउंट्स से भी मदद ली और उन्हें भड़काऊ मैसेज फैलाने को कहा।
पृष्ठभूमि
उत्तर-पूर्व दिल्ली में तीन दिन चले थे दंगे
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में 24 से 26 फरवरी तक लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। इन दंगों में 53 लोगों हुई जबकि लगभग 500 घायल हुए। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं।
इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी। एक पेट्रोल पंप को भी आग लगाई गई थी।
डॉजियर
इन हैशटैग्स का प्रयोग कर हुए पाकिस्तान से ट्वीट
अब दंगों के दौरान पाकिस्तान के नफरत फैलाने की कोशिश करने की बात सामने आई है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के डॉजियर के अनुसार, 25 फरवरी से 3 मार्च के बीच लगभग 200 पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल्स ने #ShameonDelhiPolice, #DelhiPoliceTruth और #DelhiPoliceMurders आदि हैशटैग का प्रयोग कर भड़काऊ ट्वीट किए।
डॉजियर में #DelhiRiots2020 का प्रयोग कर ट्वीट करने वाले इस्लामाबाद के 70 ट्विटर अकाउंट्स और #DelhiBurning का प्रयोग कर ट्वीट करने वाले 100 से अधिक ट्विटर अकाउंट्स का नाम दिया गया है।
जानकारी
भारत में बनाए गए ट्विटर अकाउंट्स का भी किया गया प्रयोग
इन पाकिस्तान ट्विटर हैंडल्स ने भारत में बनाए गए कुछ ट्विटर अकाउंट्स से भी मदद ली और उनके सहयोग से भड़काऊ संदेश फैलाए। इनमें से कई ट्विटर अकाउंट्स की पहचान की जा चुकी है।
मकसद
भारत के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़काना था पाकिस्तान का मकसद
भारतीय एजेंसियों की विस्तृत जांच का हवाला देते हुए डॉजियर में कहा गया है कि ये ट्विटर अकाउंट्स पाकिस्तान की एजेंसियों के आदेश पर खोले गए थे और इनका मकसद भारत में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक तनाव फैलाना था।
पाकिस्तान ट्विटर हैंडल्स ये दर्शाना चाहते थे कि दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस ने मुस्लिमों को निशाना बनाया और इसका प्रयोग कर भारत के अन्य हिस्सों में हिंसा फैलाना चाहते थे। हालांकि पाकिस्तान अपनी इस चाल में कामयाब नहीं हो पाया।
जांच
व्हाट्सऐप के जरिए भी फैलाई गई थी नफरत
बता दें कि दिल्ली दंगों के दौरान सोशल मीडिया के जरिए नफरत और अफवाह फैलाने की बात पहले भी सामने आ चुकी है।
पुलिस की जांच के अनुसार, दंगे शुरू होने से पहले दोनों समुदाय के लोगों ने व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए और इनमें भड़काऊ वीडियो, संदेश और तस्वीरें भेजीं।
इन व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर दिल्ली से बाहर की वीडियो और तस्वीरों को दिल्ली का बताकर लोगों को भड़काया गया और हिंसा फैलने में इसका एक बड़ा योगदान रहा।