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कोरोना वायरस: नहीं जाएगी निजी कंपनियों के कर्मचारियों की नौकरी, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

कोरोना वायरस: नहीं जाएगी निजी कंपनियों के कर्मचारियों की नौकरी, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

Mar 23, 2020
08:04 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से दुनियाभर में तबाही मची है। अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिल सका है। इसके कारण पर्यटन सहित कई सेक्टर्स तबाह हो चुके हैं। सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने की हिदायत दी गई है, लेकिन निजी सेक्टर्स के कर्मचारियों की नौकरी पर बन आई है। इस बीच केंद्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कंपनियों को काम पर नहीं आने वाले कर्मचारियों का वेतन नहीं काटने के निर्देश दिए हैं।

एडवाइजरी

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की संयुक्त सचिव कल्पना राजसिंघोत ने निजी कंपनियों और सभी नियोक्ताओं के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि देश में कोरोना वायरस की वजह से किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जानी चाहिए। उन्होंने कंपनी संचालकों को आपदा की इस घड़ी में किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकालने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा काम पर नहीं आने वाले कर्मचारियों का वेतन भी नहीं काटा जाना चाहिए।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें मंत्रालय की एडवाइजरी

परेशानी

नौकरी जाने से मौजूदा संकट में बढ़ जाएगी परेशानी

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यदि कोरोना वायरस के संकट के कारण किसी भी कर्मचारी की नौकरी जाती है तो मौजूदा संकट की स्थिति और भी गहरा सकती है। इससे कर्मचारियों के वित्तीय स्थिति पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए स्थिति के साथ समन्वय बिठाया जाए। मंत्रालय ने सभी कंपनियों से इस संकट की घड़ी में कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखने की अपील की है।

सुझाव

एडवाइजरी में नियोक्ताओं को दी गई है यह सलाह

एडवाइजरी के मुताबिक, यदि कोई कर्मचारी कोरोना वायरस में किसी लॉकडाउन या अन्य कारण से अवकाश पर रहता है या अवकाश लेता है तो उसके वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती न की जाए। अगर कोरोना वायरस की वजह से कंपनी को ऑफिस बंद भी करना पड़ रहा है तो यह माना जाएगा कि कर्मचारी ड्यूटी पर ही है। आपको बता दें कि लॉकडाउन के बाद कई कंपनियों के ऑफिस बंद हैं और कर्मचारी छुट्टी पर हैं।

गुजरात

गुजरात सरकार के रसोइयों और नौकरों को स्वैच्छिक अवकाश देने के निर्देश

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की तर्ज पर गुजरात के श्रम विभाग ने भी एक परिपत्र जारी कर घरों में काम करने वाले लोगों, रसोइयों और हाउसकीपिंग गतिविधियों में कार्यरत कर्मचारियों को 31 मार्च तक स्वैच्छिक अवकाश देने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने नियोक्ताओं से अवकाश के दौरान कर्मचारियों का वेतन नहीं काटने की अपील भी की है। विभाग ने कहा कि श्रमिकों को भी उनके घर की देखरेख के लिए समय दिया जाना चाहिए।

जानकारी

श्रमिकों को सावधानी बरतने के निर्देश

गुजरात के श्रम विभाग ने स्टाफ क्वार्टर में रहने वाले श्रमिकों को काम जारी रखने की अनुमति दी है, लेकिन इसके लिए साथ ही उन्हें क्वार्टर से बाहर नहीं निकलने और अन्य लोगों से संपर्क नहीं करने के लिए पाबंद किया गया है।

अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई मुख्यमंत्री कर चुके हैं अपील

आपको बता दें कि निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों सहित अन्य वेतनभोगी लोगों के वेतन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन के दौरान नियोक्ताओं से उनका वेतन नहीं काटने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि सभी नियोक्ताओं को संकट की इस घड़ी में मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इसी तरह कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी कंपनी संचालकों से कर्मचारियों का वेतन नहीं काटने की अपील कर चुके हैं।

वर्तमान स्थिति

दुनिया और भारत में ये है कोरोना वायरस की वर्तमान स्थिति

कोरोना ने सभी देशों को चपेट में ले लिया है। दुनियाभर में इससे 15,408 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं लगभग 3.53 लाख लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 433 पहुंच गई है। आज सोमवार को 37 नए मामले सामने आए। इसके अलावा अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार की ओर से इसकी रोकथाम के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।