एलन मस्क दिव्यांगों को देना चाहते हैं रोबोटिक अंग, दिमाग में लगी चिप से होंगे कंट्रोल
एलन मस्क अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के जरिए दिव्यांगों को रोबोटिक अंग देना चाहते हैं। यह बात हाल ही में टेस्ला की दूसरी तिमाही की अर्निंग कॉल के दौरान सामने आई। दरअसल, एक निवेशक ने टेस्ला के रोबोट प्रोजेक्ट ऑप्टिमस के बारे में सवाल किया और वह जानना चाहता था कि कंपनी ने कितने रोबोट बनाए हैं। मस्क ने इसका जवाब दिया और उससे टेस्ला के नए प्रोडक्ट लाइन रोबोटिक अंग का आइडिया सामने आया।
न्यूरालिंक चिप के साथ मिलकर काम करेंगे रोबोटिक अंग
मस्क के मुताबिक, टेस्ला रोबोट को न्यूरालिंक की ब्रेन-इंप्लांट टेक्नोलॉजी के साथ मिलाकर दिव्यांगों को रोबोटिक हाथ या पैर दिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रोबोटिक अंग दिव्यांगों को लगाए जाने वाले बॉयोलॉजिकल हाथ या पैर की तुलना में लंबे समय के लिए ज्यादा बेहतर हो सकते हैं। मस्क ने कहा, "हमारा मानना है कि हम मूल रूप से एक साइबोर्ग बॉडी दे सकते हैं, जो अविश्वसनीय रूप से सक्षम है।"
टेस्ला ने पेश किया था ऑप्टिमस रोबोट
वर्ष 2022 में टेस्ला ने अपने ऑप्टिमस प्रोजेक्ट के तहत एक रोबोट का वास्तविक प्रोटोटाइप पेश किया था। मस्क ने कहा था कि टेस्ला का ऑप्टिमस प्रोजेक्ट सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, और इस प्रोजेक्ट के जरिए कंपनी अपने मुख्य कार व्यवसाय से अधिक पैसा कमा सकती है। मस्क ने बीते दिनों संपन्न हुई अर्निंग कॉल के दौरान यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि रोबोट अगले साल टेस्ला कारखानों में "कुछ उपयोगी" काम करते हुए दिखेंगे।
एलन मस्क ने बताई थी रोबोट की ये खासियत
वर्ष 2021 के अंत में टेस्ला इवेंट में मस्क ने कहा था कि टेस्ला एक ह्यूमनॉइड (इंसान जैसा) रोबोट विकसित कर रही है। उन्होंने कहा था कि यह टेस्ला बॉट 5 फुट 8 इंच लंबा होगा और लगभग 8 किलोमीटर प्रति घंटे चलने में सक्षम होगा। मस्क ने यह भी कहा था कि रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कैमरों से संचालित होगा और यह फैक्ट्री के कार्यों और अन्य शारीरिक श्रम से राहत दिलाने में मददगार होगा।
क्या है न्यूरालिंक?
न्यूरालिंक मस्क की ही एक कंपनी है, जो दिमाग में चिप इंप्लांट कर इंसानों को कंप्यूटर या मोबाइल के साथ सीधे बातचीत करने में सक्षम बनाने में लगी है। कंपनी द्वारा तैयार की गई चिप को दिमाग में इंप्लांट किया जाता है तो दिमाग और कंप्यूटर आपस में सिंक हो जाते हैं और दिमाग के न्यूरॉन और कंप्यूटर चिप एक-दूसरे का हिस्सा बन जाते हैं। कुछ महीने पहले ही न्यूरालिंक को इंसानी दिमाग के साथ परीक्षण की इजाजत मिली है।