मेटा का नया AI मॉडल ज्यादा पानी की करता है खपत, सामने आईं ये चिंताएं
क्या है खबर?
मेटा ने नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल Llama 2 लॉन्च किया है। मेटा का दावा है कि Llama 2 का प्रदर्शन इसके पिछले वर्जन वाले AI मॉडल Llama की तुलना में काफी बेहतर है।
इसकी लॉन्चिंग से मेटा और टेक्नोलॉजी से जुड़े लोग खुश होंगे, लेकिन एक प्रोफेसर शायद बहुत खुश नहीं हैं। उनके खुश न होने की वाजिब वजह भी है।
AI मॉडल Llama 2 द्वारा की जाने वाली पानी की खपत से प्रोफेसर चिंतित हैं।
प्रोफेसर
Llama 2 की ट्रेनिंग में 1 करोड़ लीटर पानी खर्च का अनुमान
UC रिवरसाइड में एसोसिएट प्रोफेसर शाओली रेन बड़े AI मॉडल की ट्रेनिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले डाटा सेंटर्स के पानी की खपत पर शोध करते हैं। उन्होंने Llama 2 पर नजर डाली तो चिंतित हो गए।
शाओली का अनुमान है कि इसकी ट्रेनिंग में 1 करोड़ लीटर से अधिक पानी की खपत हुई।
ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाली बिजली के तैयार होने में लगने वाले पानी को हटा दें तब भी लगभग 30 लाख लीटर पानी खर्च हुआ।
पानी
मेटा ने नहीं दी जानकारी
मेटा ने यह खुलासा नहीं किया कि Llama 2 की ट्रेनिंग के लिए उसने कितना पानी इस्तेमाल किया, लेकिन कंपनी ने बिजली की खपत का खुलासा किया है।
शाओली ने बिजली खपत के आधार पर अनुमान लगाया और कहा कि मेटा के पिछले AI मॉडल Llama की तुलना में नए AI मॉडल में पानी की खपत लगभग दोगुनी है।
डाटा सेंटर्स ने पहले से ही काफी ज्यादा बिजली की भी खपत कर रहे हैं।
खपत
जनरेविटव AI से बढ़ सकती है पानी और ऊर्जा की खपत
जनरेटिव AI के बढ़ने से पानी और ऊर्जा की खपत बड़े पैमाने पर बढ़ सकती है।
प्रोफेसर ने एक वेबसाइट इनसाइडर को बताया कि अगर बिजली का उपयोग बढ़ता है तो कार्बन उत्सर्जन और पानी की खपत जैसी अन्य चीजें भी बढ़ जाएंगी।
मेटा के डाटा सेंटर्स ने 2021 में लगभग 10 लाख गैलन से अधिक पानी की खपत की है। कंपनी ने अभी 2022 का डाटा भी नहीं शेयर किया है।
जानकारी
साल के अंत लॉन्च हो सकता है डाटा सेंटर
इस साल के अंत तक या शायद अगले साल एरिजोना में भी मेटा एक डाटा सेंटर तैयार कर लेगी। दूसरी तरफ एरिजोना में पानी खत्म हो रहा है। सिर्फ मेटा ही नहीं बल्कि सभी AI मॉडल थोड़ा कम या ज्यादा पानी की खपत करते हैं।
ट्रेनिंग
ChatGPT की भी ट्रेनिंग में खर्च हुआ पानी
इससे पहले अप्रैल में OpenAI के AI मॉडल ChatGPT की ट्रेनिंग और उसे चलाने में खर्च होने वाले पानी और बिजली को लेकर एक शोध सामने आया था।
शोध में अनुमान जताया गया था कि AI चैटबॉट 20-50 प्रश्नों की एक बार की बातचीत में लगभग आधा लीटर पानी की खपत करता होगा।
वैज्ञानिकों ने अनुमान जाताया था कि अकेले GPT-3 की ट्रेनिंग में 7 लाख लीटर पानी खर्च हुआ होगा।
रिसर्च
GPT-4 में और ज्यादा पानी की खपत का अंदाजा
इन AI सिस्टम के डाटा सेंटर सर्वर और AI मॉडल को चलाने वाले कूलिंग सर्वरों के लिए बिजली पैदा करने के लिए साफ और मीठे पानी की खपत के अनुमान आदि के रिसर्च के लिए एक रूपरेखा विकसित की गई थी।
शोधकर्ताओं ने तब GPT-4 AI मॉडल में कई गुना ज्यादा पानी की खपत का अंदाजा लगाया था, सही अनुमान लगाने के लिए तब तक कोई सार्वजनिक डाटा उपलब्ध नहीं था।