
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास से क्यों चिंतित हैं टेक जगत के दिग्गज?
क्या है खबर?
जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ChatGPT जैसे प्लेटफॉर्म से टेक कंपनियों के प्रोडक्ट्स बेहतर हो रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन बिंग इसका बड़ा उदाहरण है। ये अपने प्रतिद्वंदी गूगल से बहुत पीछे था, लेकिन जब से बिंग ChatGPT के साथ लॉन्च किया गया है तब से इसके यूजर्स बढ़े हैं।
इन आर्टिफिशियल चैटबॉट से कई फील्ड की नौकरी जाने का खतरा भी बढ़ा है और मानव जीवन पर इसके दुष्प्रभावों के बारे में भी चिंता जाहिर की जा रही है।
टूल
AI टूल्स को लेकर टेक दिग्गजों के 2 मत
टेक हस्तियों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स को लेकर दो मत हैं। कुछ का मानना है कि इसे सभी को अपनाना ही होगा और कुछ का कहना है कि अब इसके विकास पर रोक लगा देना चाहिए।
जानकारों का कहना है कि जनरेटिव AI टूल्स अधिक प्रभावशाली होते जा रहे हैं। ऐसे में इसके प्रभाव का आंकलन करने के साथ ही इसको लेकर सावधानी बरतने और इसके जोखिमों के बारे में जागरुकता की बात कही जा रही है।
पॉवरफुल
एलन मस्क सहित अन्य ने AI पर रोक से जुड़े लेटर पर किया साइन
एलन मस्क, स्टीव वोज्नियाक, अल्फाबेट के डीपमाइंड के शोधकर्ता और AI के अन्य जानकार OpenAI के GPT-4 की तुलना में अधिक पॉवरफुल AI मॉडल के ट्रेनिंग पर रोक लगाने की बात कह रहे हैं।
ऐपल के को-फाउंडर वोज्नियाक, पिंटरेस्ट के इवान शार्प, स्टेबिलिटी AI के CEO इमाद मुस्ताक औऱ मस्क ने AI से जुड़े खतरों को कम करने के मिशन पर काम करने वाली संस्था फ्यूचर ऑफ लाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा जारी किए गए ओपन लेटर पर साइन किए हैं।
खतरा
6 महीने तक GPT-4 से पॉवरफुल AI पर काम करने से रोक की गुहार
लेटर पर साइन करने वाले दिग्गजों ने AI के खतरों को देखते हुए इसका डेवलपमेंट रोकने की गुहार लगाई।
लेटर से चेतावनी दी गई कि GPT-4 जैसे AI सिस्टम ने आम कामकाज में भी इंसानों को टक्कर देना शुरू कर दिया है। ये इंसानियत और समाज के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है।
लेटर के जरिए कहा गया कि GPT-4 से ज्यादा पावरफुल AI टेक्नोलॉजी पर काम करने वाली AI लैब्स 6 महीने के लिए काम बंद कर दें।
कंट्रोल
खतरों का अंदाजा लगाने तक AI प्रोजेक्ट्स पर रुके काम
लेटर में कहा गया कि जब तक AI के खतरों का सही से अंदाजा नहीं लगाया जाता तब तक पावरफुल AI प्रोजेक्ट्स पर काम रुकना चाहिए।
'गॉडफादर ऑफ AI' के नाम से मशहूर AI एक्सपर्ट योशुआ बेंगियो और दिग्गज कंप्यूटर साइंटिस्ट स्टुअर्ट रसेल ने भी इस लेटर का सपोर्ट किया है।
लेटर में कहा गया कि कभी-कभी टेक्नोलॉजी बनाने वाले को भी इसकी पावर को अंदाजा नहीं होता और ये 'आउट ऑफ कंट्रोल' हो सकती है।
नौकरी
OpenAI के CEO ने खुद जताई थी ChatGPT से नौकरी जाने की आशंका
ChatGPT जैसे टूल से नौकरियां खत्म होने का खतरा भी बढ़ा है। इस बारे में तो ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने खुद चिंता जाहिर की थी। हाल ही में उन्होंने यह तक बताया है कि इसके जरिए सबसे ग्राहक सेवा से जुड़ी नौकरियां जा सकती हैं।
इसके अलावा गौल्डमैन सैक्स ने हाल ही में चेतावनी दी है कि AI ऑटोमेशन से अमेरिका और यूरोपीय संघ में कम से कम दो-तिहाई नौकरियां खतरे में हैं।