गूगल के सर्च प्रमुख ने कहा- गलत उत्तर दे सकते हैं AI चैटबॉट
माइक्रोसॉफ्ट से लेकर गूगल और अमेजन आदि कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट पर तेजी से काम कर रही हैं। इनकी कोशिश AI चैटबॉट को सटीक उत्तर देने के लिए सक्षम बनाने की है। OpenAI ने तो पहले ही अपने ChatGPT के बारे में चेतावनी दी थी कि 2021 के बाद की इसकी जानकारी सीमित है। अब गूगल के सर्च प्रमुख ने भी चेताया है कि AI चैटबॉट आश्वस्त करने वाले, लेकिन पूरी तरह से काल्पनिक उत्तर दे सकते हैं।
AI चैटबॉट कभी-कभी झूठे, लेकिन ठोस जवाब दे सकते हैं- गूगल सर्च प्रमुख
गूगल के सर्च प्रमुख प्रभाकर राघवन ने हमेशा सटीक जानकारी पाने के लिए AI चैटबॉट्स पर भरोसा न करने के लिए कहा है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि AI चैटबॉट कभी-कभी झूठे, लेकिन ठोस जवाब दे सकते हैं। उन्होंने कहा, "जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृतिम बद्धिमत्ता के बारे में हम वर्तमान में बात कर रहे हैं, ये कभी-कभी ऐसे जवाब दे सकते हैं, जिसे हम मतिभ्रम कहते हैं।"
बार्ड ने दी थी गलत जानकारी, गिर गए थे गूगल के शेयर
बीते सोमवार को गूगल ने बार्ड नाम के AI चैटबॉट को जारी किया था और इसका मुकाबला ChatGPT से माना जा रहा है। गूगल बार्ड को एक विज्ञापन में गलत जानकारी देते हुए पाया गया। यह खबर फैलते ही गूगल के शेयरों में गिरावट देखने को मिली, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इसके बाद ही गूगल पर बार्ड को हड़बड़ी में और गलत लॉन्च करने के आरोप लगने लगे। इसे लेकर सुंदर पिचई की आलोचना भी हुई।
गूगल ने बार्ड को जारी करने की जल्दबाजी महसूस की- राघवन
राघवन ने बताया, "गूगल ने बार्ड को जनता के लिए जारी करने की जल्दबाजी महसूस की, लेकिन हम बड़ी जिम्मेदारी भी महसूस करते हैं। हम जनता को गुमराह नहीं करना चाहते हैं।" उनकी इस टिप्पणी को बार्ड की लॉन्चिंग में जल्दबाजी के आरोप और सुंदर पिचई की आलोचना को लेकर दी जाने वाली सफाई के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि ChatGPT की लोकप्रियता को देखते हुए गूगल को तय समय से पहले बार्ड लॉन्च करना पड़ा।
गूगल के पूर्व इंजीनियर ने किया था ट्वीट
राघवन ने कहा, "हम इस पर काम कर रहे हैं कि AI की क्षमताओं और संभावनाओं को सर्च के लिए कैसे बेहतर इस्तेमाल किया जाए, खासतौर से उन प्रश्नों के लिए जिनका केवल एक उत्तर नहीं है।" गूगल ब्रेन के एक पूर्व शोध इंजीनियर मार्टन बोस्मा ने एक ट्वीट किया था कि ऐसा लगता है कि कंपनी AI को गंभीरता से नहीं ले रही थी। हालांकि, इस बारे में गूगल की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।