यूट्यूब में वीडियो क्रिएटर्स को जल्द मिलेंगे AI टूल, वर्चुअल रूप से बदल पाएंगे आउटफिट
क्या है खबर?
बीते कुछ महीनों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की चर्चा खूब हो रही है। गूगल भी इस मामले में पीछे नहीं है। अब वह जल्द ही यूट्यूब में भी AI की ताकत और क्षमता को शामिल करेगी।
यूट्यूब के नए CEO नील मोहन ने यूट्यूब कम्युनिटी को संबोधित करते हुए लिखा कि AI की पावर शुरुआत से ही इस तरह दिख रही है, जो असंभव को संभव बनाने की ताकत रखती है और यह वीडियो के अंदाज को बदल देगी।
फीचर
AI के जरिए वीडियो में वर्चुअल आउटफिट बदलने का फीचर
नील मोहन ने बताया कि यूट्यूब के क्रिएटर आने वाले महीनों में AI की जनरेटिव क्षमताओं के जरिए वीडियो में वर्चुअल रूप से आउटफिट को बदलने और फिल्म रिकॉर्डिंग के लिए AI से लैस बेहतरीन सेटिंग्स पाने में सक्षम होंगे।
बता दें कि गूगल पर जनरेटिव AI से लैस प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि, गूगल को AI के क्षेत्र में लंबे समय से अग्रणी कंपनी के रूप में देखा जाता रहा है।
गूगल
AI पर माइक्रोसॉफ्ट के कदम से गूगल पर बढ़ा दबाव
गूगल पर AI को लेकर तब और ज्यादा दबाव बढ़ गया, जब माइक्रोसॉफ्ट ने AI पर काम करने वाली और ChatGPT जैसे चर्चित चैटबॉट बनाने वाली कंपनी OpenAI में भारी पैसा निवेश किया।
माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में OpenAI के साथ मिलकर अपने सर्च इंजन बिंग और ब्राउजर एज को AI से लैस कर लॉन्च कर दिया है।
माइक्रोसॉफ्ट अपने कई वर्कस्पेस वर्ड, पॉवरप्वाइंट टीम्स आदि प्रोडक्ट्स को भी AI के साथ इंटीग्रेट कर लॉन्च करने की तैयारी में है।
चैटबॉट
अपने वर्कस्पेस प्रोडक्ट्स को AI से लैस करने में लगा है गूगल
गूगल ने भी हाल ही में अपना AI से लैस चैटबॉट बार्ड लॉन्च किया है। हालांकि, इस चैटबॉट ने एक सवाल का गलत जवाब दे दिया था, जिसके चलते गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के शेयर गिर गए थे और उसके करोड़ों रुपये का भारी नुकसान हुआ।
गूगल भी अपने कई वर्कस्पेस प्रोडक्ट्स जैसे गूगल शीट, मैप आदि को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस करने में लगी हुई है। कुछ प्रोडक्ट्स के लिए इसने फीचर रोलआउट करने भी शुरू कर दिए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है कि एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना। AI को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है।
इसमें एक ऐसा मशीनी दिमाग बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर के पास इंसानी इनपुट के आगे सोचने की क्षमता हो। कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके।
आज गेम से लेकर नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, रोबोट और शेयर बाजार तक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है।