IT नियम ना मानने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्विटर को फटकारा, भेजा नोटिस
सरकार साल की शुरुआत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नए IT नियम लाई है और बीते दिनों इन्हें लागू करने की डेडलाइन खत्म हो गई। बाकी प्लेटफॉर्म्स ने जहां नए नियम लागू कर दिए हैं और इनसे जुड़े बदलाव कर रही हैं, ट्विटर ने अब तक सरकार की बात नहीं मानी है। इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए अब दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्विटर को नोटिस भेजा है और नई गाइडलाइन्स का पालन ना करने को लेकर जवाब मांगे हैं।
सरकार करवाए नए नियमों का पालन
जस्टिस रेखा पल्ली की हाई कोर्ट बेंच ने ऐसा ही नोटिस सरकार को भी भेजा है और कहा है कि केंद्र सरकार 25 मई से प्रभाव में आए नियमों का पालन करवाया जाना सुनिश्चित करे। हाई कोर्ट ने एडवोकेट अमित आचार्य की ओर से दायर की गई याचिका के जवाब में नोटिस जारी किए। याचिका में कहा गया है हाई कोर्ट केंद्र सरकार को ट्विटर से IT नियम, 2021 के नियम 4 का पालन करवाने के लिए कहे।
ट्विटर के पास तीन सप्ताह का समय
नोटिस का जवाब देने के लिए माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को तीन सप्ताह का वक्त दिया गया है। इस दौरान नई गाइडलाइन्स लागू करने के अलावा ट्विटर को ऐसा करने में देरी की वजह बतानी होगी। अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई दिन तय किया गया है।
तैयार करना होगा जरूरी मैकेनिज्म
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से यूजर्स की शिकायतों का निपटारा करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने को कहा और इससे जुड़े तीन पद तय किए हैं। चीफ कंप्लायंस ऑफिसर यह सुनिश्चित करेगा कि सभी ऐक्ट और नियमों का पालन किया जाए। नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन का काम कानून संबंधी एजेंसियों से 24x7 जुड़े रहना होगा। वहीं, रेजिडेंट ग्रीविएंस ऑफिसर कंपनी के ग्रीविएंट रिड्रेसल मैकेनिज्म के फंक्शंस पर काम करेगा। इसके अलावा कंपनियों को 24 घंटे में कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।
सरकार और ट्विटर के बीच टकराव
बीते दिनों केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली, जिसे नए नियम लागू करने में देरी की वजह माना जा रहा है। दरअसल, पिछले सप्ताह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने ट्विटर इंडिया के गुरुग्राम और दिल्ली स्थित कार्यालय का दौरा किया था। पुलिस ने कार्रवाई ट्विटर द्वारा सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता संबित पात्रा के ट्वीट को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' बताकर हटाने को लेकर की थी।
ट्विटर ने किया नियमों का पालन करने का दावा
ट्विटर की ओर से रेजिडेंट ग्रीविएंस ऑफिसर की नियुक्ति 28 मई को करने का दावा किया गया है। वहीं सरकार ने ट्विटर के इस दावे को झूठा बताया है और कहा है कि ट्विटर ने नई गाइडलाइन्स फॉलो नहीं की हैं। याचिकाकर्ता ने भी इस बात पर जोर दिया कि सरकार सही कह रही है और उसे विवादित ट्वीट्स के खिलाफ शिकायत करने पर ट्विटर के ग्रीविएंट ऑफिसर से जुड़ी जानकारी नहीं मिली।
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने की कोशिश?
पिछले सप्ताह ट्विटर ने कहा था कि नए IT नियम, 2021 फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए 'खतरा' बन सकते हैं। कंपनी ने इससे पहले सरकार की ओर से डाले गए दबाव का जिक्र भी किया और कहा कि फ्री स्पीच आधारित प्लेटफॉर्म को नई गाइडलाइन्स के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। व्हाट्सऐप ने भी सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की और कहा है कि नई गाइडलाइन्स का एक हिस्सा निजता के अधिकार को नुकसान पहुंचाता है।