क्या खत्म हो जाएगा व्हाट्सऐप का एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन?
भारत सरकार और व्हाट्सऐप के बीच बीते दिनों IT रूल्स, 2021 को लेकर खींचतान देखने को मिली और आखिरकार मेसेजिंग प्लेटफॉर्म ने नई गाइडलाइंस लागू कर दी हैं। नए नियमों में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर व्हाट्सऐप को ओरिजनल मेसेज ट्रेसिंग करनी पड़ सकती है, जिससे कोई मेसेज सबसे पहले भेजने वाले का पता लगाया जा सके। हालांकि, व्हाट्सऐप में मिलने वाले एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के चलते ऐसा नहीं किया जा सकता और चैट्स पूरी तरह सिक्योर होते हैं।
गाइडलाइन्स के हिसाब से खत्म करना होगा एनक्रिप्शन
व्हाट्सऐप सरकार की ओर से तय की गईं गाइडलाइन्स का पूरी तरह पालन करता है तो उसे एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन खत्म करना होगा। यूजर्स को मिलने वाले एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन का मतलब है कि सेंडर और रिसीवर के अलावा कोई थर्ड पार्टी और खुद व्हाट्सऐप भी यूजर्स के मेसेज या कॉल्स ऐक्सेस नहीं कर सकता। सरकार के कहे मुताबिक व्हाट्सऐप किसी मेसेज का सोर्स तब तक ट्रेस नहीं कर सकती, जब तक एनक्रिप्शन खत्म ना किया जाए।
कैसे काम करता है एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन?
एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन मेसेज भेजने और उसे रिसीव करने वालों के बीच काम करता है। सेंडर की ओर से भेजा गया मेसेज एनक्रिप्ट होकर कोड में बदल जाता है, जिसे केवल रिसीवर डिक्रिप्ट कर सकता है। यानी कि बीच में कोई थर्ड-पार्टी या फिर व्हाट्सऐप खुद भी मेसेज ऐक्सेस नहीं कर सकता। इस तरह व्हाट्सऐप पर मेसेजिंग या कॉलिंग पूरी तरह प्राइवेट और सुरक्षित होती है। व्हाट्सऐप के अलावा टेलीग्राम और सिग्नल जैसे मेसेजिंग प्लेटफॉर्म्स भी ऐसा एनक्रिप्शन ऑफर करते हैं।
सरकार क्यों ट्रेस करना चाहती है मेसेजेस?
नई गाइडलाइन्स में सरकार की ओर से ओरिजनल मेसेज ट्रेसिंग का जिक्र इसलिए किया गया है, जिससे फेक, भड़काऊ मेसेज और अफवाहें फैलाने वालों को पकड़ा जा सके। मौजूदा एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन की वजह से व्हाट्सऐप पर फेक मेसेजेस या अफवाहें फैलाने वालों का पता नहीं चल पाता। इसके अलावा व्हाट्सऐप पर पोस्ट किए गए कंटेंट के लिए मौजूदा नियम इसके खिलाफ कार्रवाई की अनुमति भी नहीं देते। व्हाट्सऐप से शुरू हुई अफवाहों के चलते कई जानें तक गई हैं।
"यूजर्स के चिंता करने की जरूरत नहीं"
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने व्हाट्सऐप एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन को लेकर कहा, "व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वाले सामान्य यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं है। वे पहले की तरह व्हाट्सऐप का इस्तेमाल जारी रख सकेंगे।" उन्होंने कहा, "सरकार व्हाट्सऐप का एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन नहीं खत्म करना चाहती और यूजर्स का इसपर पूरा अधिकार है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि नए नियम अपराध को रोकने और उसका पता लगाने के लिए 'लिमिटेड' डाटा ऐक्सेस करने की मांग करते हैं।
क्या निकल पाएगा बीच का रास्ता?
व्हाट्सऐप एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन खत्म किए बिना ऐसा मैकेनिज्म कैसे तैयार करेगी, जो मेसेज सोर्स का पता लगा सके, यह बड़ा सवाल है। नई गाइडलाइन्स लागू कर चुके व्हाट्सऐप की ओर से एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन को लेकर लिया गया फैसला भी सामने नहीं आया है। संभव है कि व्हाट्सऐप ने मेसेज ट्रेसिंग के अलावा दूसरे नियम लागू किए हों और वैकल्पिक व्यवस्था तलाश रहा हो। फिलहाल, किसी आधिकारिक बयान का इंतजार करना ही बेहतर विकल्प होगा।