केंद्र सरकार ने चार्जिंग धोखाधड़ी को लेकर जारी किए निर्देश, नागरिकों को चेताया
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर लगे मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पोर्टल को लेकर निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने इसके इस्तेमाल से पहले नागरिकों को सावधान रहने को कहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीकी मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) की ओर से इस संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं। टीम ने यह भी बताया है कि साइबर अपराधी किस तरह से सार्वजनिक चार्जिंग पोर्टल का इस्तेमाल करके लोगों को चूना लगा रहे हैं।
सार्वजनिक चार्जिंग पोर्टल से कैसे हो रही धोखाधड़ी?
CERT के मुताबिक, साइबर अपराधी हवाई अड्डों, कैफे, होटल और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों में USB चार्जिंग पोर्ट का उपयोग कर जूस-जैकिंग साइबर हमलों का शिकार बना रहे हैं। जूस-जैकिंग एक साइबर हमले की रणनीति है, जिसके तहत अगर नागरिक USB स्टेशनों पर चार्जिंग डिवाइस उपयोग करते हैं तो साइबर अपराधी उपयोगकर्ता डेटा चुराने या उनसे जुड़े उपकरणों पर मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं। इससे उनका व्यक्तिगत डाटा चोरी हो सकता है या फिरौती मांगी जा सकती है।
सार्वजनिक चार्जिंग पोर्टल उपयोग करते समय क्या सावधानी बरतें?
सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन का उपयोग करने से पहले सोचें। अगर ज्यादा जरूरी है तो बिजली के दीवार आउटलेट को प्राथमिकता दें या निजी केबल या पावर बैंक ले जाएं। अपने डिवाइस को सुरक्षित या पूरी तरह लॉक कर दें। किसी अज्ञात डिवाइस के साथ जुड़ने से बचें। फोन बंद होने पर ही उसे चार्ज करने के बारे में सोचें। साइबर धोखाधड़ी के मामलों में 1930 पर कॉल कर सकते हैं।