किसान मार्च: स्थिति तनावपूर्ण, किसानों का दावा- गोली लगने से 1 युवक की मौत
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के साथ चौथे दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद किसान ने आज फिर से दिल्ली मार्च शुरू किया। करीब 14,000 किसान सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ शंभू सीमा पर डटे हुए हैं।
किसानों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों को पांचवें दौर की बातचीत के लिए बुलाया है, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया है।
हालात
शंभू सीमा पर क्या हैं हालात?
शंभू सीमा पर सुरक्षा बलों ने कम से कम 2 बार ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे हैं। दूसरी तरफ खन्नौरी सीमा पर गोली लगने से एक किसान की मौत की खबर है।
किसान नेताओं का कहना है कि वे दिल्ली जाकर ही दम लेंगे। शंभू बॉर्डर पर मंच से किसान नेताओं ने JCB और बड़े ट्रैक्टर आगे लेकर जाने की अपील की है।
किसान आंसू गैस से निपटने के लिए एक-दूसरे को मास्क भी बांट रहे हैं।
बयान
कृषि मंत्री बोले- हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार
हंगामे के बीच सरकार ने किसानों को एक बार फिर बातचीत का न्योता दिया है।
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, 'सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयार है। मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं। शांति बनाए रखना जरूरी है। हम जब बातचीत करेंगे तो आपसी सौहार्द के वातावरण में समाधान के रास्ते निकलते हैं।'
पत्र
केंद्र ने पंजाब सरकार को लिखा पत्र, किसानों पर कार्रवाई करने को कहा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसानों पर कार्रवाई के लिए पंजाब सरकार को पत्र लिखा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है और ऐसा लगता है कि विरोध की आड़ में उपद्रवियों और कानून तोड़ने वालों को पथराव करने और भारी मशीनरी जुटाने की खुली छूट दे दी गई है।
मंत्रालय ने पंजाब से किसानों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने को कहा है।
किसान
हम शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाना चाहते हैं- किसान नेता
इस बीच किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, "सरकार को किसानों के हक में फैसला करना चाहिए। हम गुजारिश कर रहे हैं कि हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली जाना चाहते हैं, इसलिए सरकार को बैरिकेड्स हटाने चाहिए। अगर सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है तो वह फिर हमारी मांगों को माने।"
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हम शांतिपूर्ण दिल्ली जाना चाहते हैं। अब गेंद सरकार के पाले में है।"
मांग
क्या है किसानों की मांगें?
किसान अपनी कुछ मांगों को लेकर 13 फरवरी से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें सबसे बड़ी मांग MSP को लेकर कानून बनाने की है।
इसके अलावा किसानों की स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय और किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे देने जैसी मांगें भी हैं।