ममता बनर्जी ने सरकार पर लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय करने का लगाया आरोप, जानिए मामला
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों के आधार कार्ड निष्क्रिय कर रही है। उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगी, बल्कि बंगाल को आधार कार्ड का नया विकल्प देंगीं।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और ममता बनर्जी ने बंगाल में आधार कार्ड का विकल्प देने के लिए क्यों कहा है।
आधार
पश्चिम बंगाल के कई लोगों का आधार कार्ड निष्क्रिय
पश्चिम बंगाल में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से कई लोगों को पत्र मिला है जिसमें उन्हें बताया गया है कि उनका आधार नंबर निष्क्रिय कर दिया गया है।
ममता बनर्जी ने भी राज्य विधानसभा में भी इस मामले पर कहा कि उन्हें आधार कार्ड निष्क्रिय होने की कई शिकायतें मिली हैं।
बता दें कि UIDAI ही आधार कार्ड जारी करने और निष्क्रिय करने के लिए जिम्मेदार है जो भारतीय नागरिकों के लिए अनिवार्य दस्तावेज है।
आधार
लोगों को UIDAI से क्या मैसेज मिला था?
पूर्वी बर्धमान जिले में एक महिला को UIDAI की तरफ से भेजे गए एक पत्र में लिखा था, "आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि आपको जारी किया गया आधार नंबर XXXX आधार (एनरोलमेंट एंड अपडेट) रेगुलेशन 2016 के सेक्शन 28 (ए) के तहत निष्क्रिय कर दिया गया है भारत में आपका प्रवास पूरा नहीं हुआ है।"
झारखंड में UIDAI के रांची कार्यालय द्वारा जारी इस पत्र में उसके क्षेत्रीय कार्यालय में संपर्क करने को कहा है।
साजिश
ममता ने इसे भाजपा की साजिश बताया
ममता ने फैसले को 'एकतरफा' बताया और इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा।
ममता ने बताया कि अधिकांश मतुआ समुदाय और SC/ST समुदाय के लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय हुए हैं।
उन्होंने इसे लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को वंचित करने की एक 'भयानक साजिश' करार दिया।
इसके साथ ही उन्होंने कि आरोप लगाया कि केंद्र राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लाने के लिए आधार कार्ड को निष्क्रिय कर रही है।
कदम
बंगाल सरकार ने आधार निष्क्रिय की समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाया?
ममता ने कहा, "जिन लोगों का नाम काटा जा रहा है, उन्हें राज्य सरकाए एक अलग कार्ड देगी। किसी गरीब के साथ हम गलत नहीं होने देंगे। हमने एक पोर्टल तैयार किया है जिसका नाम 'आधार ग्रीवेंस पोर्टल ऑफ वेस्ट बंगाल गवर्मेंट है। जिनका कार्ड निष्क्रिय किया गया है वह हमें जल्द से जल्द बताएं जिससे उन्हें उनके गणतांत्रिक, सामाजिक, आर्थिक अधिकार मिलते रहें।"
ममता ने बताया कि राज्य सरकार ने इसके लिए कैंप भी लगाए हैं।
UIDAI
UIDAI ने इस मामले पर क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, UIDAI ने इस मामले पर कहा कि कोई भी आधार नंबर निष्क्रिय नहीं किया गया है।
बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी एक्स पर ट्वीट कर बताया कि UIDAI ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि कोई भी आधार नंबर निष्क्रिय नहीं किया गया है। उन्होंने ममता बनर्जी पर बेवजह लोगों में दर पैदा करने के आरोप भी लगाए और कहा कि किसी भी भ्रामक खबर पर भरोसा न करें।
स्पष्टीकरण
इस मामले पर केंद्र सरकार का क्या कहना है?
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि निष्क्रियता ऑफिशियल गलती के कारण हुई थी। इस कारण बंगाल में करीब 54 हजार लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय हो गए थे, लेकिन जल्द ही इस खामी को दूर किया जाएगा।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी कहा कि जिन लोगों के आधार कार्ड "निष्क्रिय" हो गए हैं उन्हें फिर से चालू किया जाएगा।