फेककॉल्स नामक मालवेयर खाली कर सकता है आपका बैंक अकाउंट, ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने फेककॉल्स नामक एक मालवेयर की खोज की है, जो ग्राहक सहायता कॉल्स को बाधित करने और वित्तीय डाटा चोरी करने के लिए वॉइस फिशिंग का उपयोग करता है। साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट के अनुसार, फेककॉल्स ट्रोजन वॉयस फिशिंग नामक एक स्कैमिंग तकनीक का उपयोग करता है और यह वित्तीय सेवा कर्मचारियों के साथ फोन पर बातचीत की नकल करता है। इस वॉइस फिशिंग के कारण 2020 में लगभग 49 अरब रुपये का नुकसान हुआ था।
इस तरह का साइबर फ्रॉड कैसे होता है?
वॉइस फिशिंग हमलों के पीछे साइबर अपराधियों द्वारा प्रमुख वित्तीय संस्थानों को निशाना बनाया जाता है। अपराधी लोगों को निशाना बनाने के लिए इन कंपनियों के नकली ऐप बनाते हैं और लोग एक प्रतिष्ठित संगठन के भरोसेमंद इंटरनेट बैंकिंग ऐप के रूप में फेककॉल्स मालवेयर डाउनलोड कर लेते हैं। मालवेयर ऑपरेटर भरोसा दिलाने के लिए प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो ट्रैक चलाते हैं और पीड़ित के निजी वित्तीय डाटा तक पहुंच प्राप्त करते हैं और उनके साथ ठगी करते हैं।
ऐसे साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?
ऐसे साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी अंजान सोर्स से ऐप डाउनलोड ना करें और कोई भी ऐप को हमेशा विश्वसनीय ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। किसी भी अंजान सोर्स से प्राप्त हुए लिंक पर क्लिक करने से बचें और किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसके URL के प्रमाणिकता के बारे में जांच जरूर करें। किसी भी अनजान लिंक पर जाकर या किसी अनजान व्यक्ति से अपने बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी साझा ना करें।