अगले साल नया AR हेडसेट लॉन्च कर सकती है ऐपल, ले लेगा आईफोन की जगह
कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ऐपल अगले साल 2022 में अपना नया AR हेडसेट लॉन्च कर सकती है। ऐपल एनालिस्ट मिंग ची कुओ की ओर से बताया गया है कि यह हेडसेट दो प्रोसेसर्स के साथ आ सकता है और इसमें ऑगमेंटेड रिएलिटी (AR) और वर्चुअल रिएलिटी (VR) का सपोर्ट दिया जाएगा। एक माइक्रो-OLED डिस्प्ले को भी इसका हिस्सा बनाया जा सकता है। ऐपल के वियरेबल हेडसेट से जुड़े लीक्स लंबे वक्त से सामने आ रहे हैं।
अगले साल के आखिर में आएगा हेडसेट
टेक कंपनी ने किसी नए AR या VR हेडसेट्स के लॉन्च से जुड़ी जानकारी फिलहाल नहीं दी है। हालांकि 9to5Mac की रिपोर्ट के मुताबिक, एनालिस्ट कुओ का मानना है कि ऐपल साल 2022 की आखिरी तिमाही में यह वियरेबल लॉन्च कर सकती है। लीक्स और अफवाहों के हिसाब से AR हेडसेट की प्रोसेसिंग क्षमता किसी मैक जितनी हो सकती है। यानी कि इसे बिना किसी मैक या आईफोन के इस्तेमाल किया जा सकेगा और यह कई ऐप्स को सपोर्ट करेगा।
मिलेगा ऐपल का इन-हाउस चिपसेट
कुओ का कहना है कि ऐपल के AR हेडसेट में दो चिपसेट मिल सकते हैं। पहला प्रोसेसर पिछले साल लॉन्च हुए M1 मैक जितना पावरफुल होगा, वहीं दूसरा उससे कम पावरफुल चिप हेडसेट में दिए गए सेंसर्स को हैंडल करने का काम करेगा। इस हेडसेट में VR का सपोर्ट भी दिया जा सकता है। कुओ की मानें तो कंपनी इस डिवाइस में दो सोनी 4K माइक्रो-OLED डिस्प्ले भी दे सकती है।
एक्सेसरी ना होकर अलग होगा प्रोडक्ट
कुओ का मानना है कि AR हेडसेट का अपना एक इकोसिस्टम होगा, यानी कि कंपनी इसे मौजूदा डिवाइसेज को सपोर्ट करने वाले एक्सेसरीज के बजाय नए 'इंडिपेंडेंट' प्रोडक्ट की तरह लॉन्च कर सकती है। उन्होंने कहा कि हेडसेट के लिए जरूरी कंप्यूटिंग पावर आईफोन के मुकाबले ज्यादा होगी, जिसमें तीन ऑप्टिकल मॉड्यूल्स एकसाथ काम करेंगे। वहीं नए AR हेडसेट में सी-थ्रू AR सर्विसेज के लिए 'कम से कम' छह से आठ ऑप्टिकल मॉड्यूल्स की जरूरत होगी।
आईफोन की जगह लेगी AR टेक्नोलॉजी
कुओ ने सुझाव दिए हैं कि ऐपल अगले एक दशक में आईफोन को इन AR हेडसेट्स से रिप्लेस कर सकती है। एनालिस्ट ने कहा, "करीब 10 साल में AR हेडसेट्स की अजीनोमोटो बिल्ड-अप फिल्म की मांग एक अरब पीसेज से ज्यादा बढ़ जाएगी।" इस तरह ऐपल आईफोन्स के मुकाबले अगले 10 साल में ज्यादा AR डिवाइसेज मैन्युफैक्चर कर रही होगी और यूजर्स की ओर से भी यह टेक्नोलॉजी तेजी से एडॉप्ट की जाएगी।
दूसरी कंपनियां भी कर रही हैं प्रयोग
ऐप अपने नए डिवाइसेज में पहले ही AR टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। साथ ही नई LiDAR टेक्नोलॉजी को भी आईफोन्स कैमरा सिस्टम का हिस्सा बनाया गया है। ऐपल अकेली कंपनी नहीं है, जो AR और VR से जुड़ी संभावनाओं की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश कर रही है। फेसबुक और स्नैपचैट जैसी कंपनियों की ओर से फर्स्ट जेनरेशन AR हेडसेट्स और वियरेबल्स मार्केट में लॉन्च किए जा चुके हैं।