चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर पर पीछे हटी ऐपल, सभी यूजर्स को नहीं करेगी रिपोर्ट
ऐपल अपनी चाइल्ड सेफ्टी पॉलिसीज को लेकर चर्चा में है और इसके नए चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर पर सवाल उठ रहे हैं। ऐपल ने कुछ दिन पहले बताया कि इसकी ओर से रोलआउट किया जा रहा नया फीचर यूजर्स की गैलरी में मौजूद फोटोज को स्कैन करेगा। कंपनी ने बताया था कि यह फीचर चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से जुड़ी फोटोज स्कैन और रिपोर्ट करेगा। फीचर को लेकर ढेरों यूजर्स ने नाराजगी जताई थी और अब ऐपल ने इसपर सफाई दी है।
प्राइवेसी के लिए बताया गया था खतरा
ऐपल चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज जुड़ी तस्वीरें स्कैन और रिपोर्ट करने के लिए आईफोन, आईपैड और मैक यूजर्स के i-क्लाउड अकाउंट्स स्कैन करेगी। एक्सपर्ट्स और यूजर्स ने इसे प्राइवेसी के लिए खतरा माना है और कंपनी की ओर से किए गए बदलाव को लेकर सवाल उठाए हैं। कंपनी ने सफाई दी है और कहा है कि कंपनी नए फीचर की मदद से वही इमेजेस स्कैन करेगी, जिसे 'कई देशों में पहले ही फ्लैग किया जा चुका' है।
ऐसे काम करेगा ऐपल का सिस्टम
रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि यूजर के फोन में चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से जुड़ी कम से कम 30 फोटोज होने पर ऐपल का सिस्टम कंपनी को अलर्ट करेगा। इसके बाद कंपनी तय करेगी कि इस कंटेंट का ह्यूमन रिव्यू होना चाहिए और इस मामले को अथॉरिटीज को रिपोर्ट करना चाहिए या नहीं। ऐपल ने कहा है कि शुरू में कम से कम 30 तस्वीरें होने पर सिस्टम काम करेगा और बाद में यह संख्या कम की जाएगी।
30 से ज्यादा फोटोज होने पर ऐक्शन लेगी ऐपल
कंपनी ने एक पेपर में बताया है कि 30 फोटोज का थ्रेडहोस्ट पार ना होने की स्थिति में क्रिप्टोग्राफिक कंस्ट्रक्शन ऐपल सर्वर को कोई मैच डाटा डिक्रिप्ट करने की अनुमति नहीं देगा। यानी कि 30 फोटोज का थ्रेशहोल्ड पार होने के बाद ही यूजर के खिलाफ कंपनी की ओर से कोई ऐक्शन लिया जाएगा। डिक्रिप्ट किए गए डाटा वाउचर्स ऐपल सर्वर पर मौजूद फाइल्स के ह्यूमन रिव्यू का विकल्प अथॉरिटीज को देंगे।
गलती कर सकता है ऐपल का सिस्टम
रिपोर्ट में सामने आया है कि ऐपल का नया सिस्टम न्यूरलमैच सिस्टम का इस्तेमाल करेगा। अगर किसी डिवाइस में चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटीरियल (CSAM) मिलता है तो ह्यूमन रिव्यूअर्स को अलर्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, यह ऐप्लिकेशन हमेशा ठीक से काम करेगी, ऐसा जरूरी नहीं है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मैथ्यू ग्रीन ऐपल की घोषणा के बाद कई ट्वीट्स में दिखा चुके हैं कि ऐसे सिस्टम धोखा खा सकते हैं, जिससे यूजर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बेहतर प्राइवेसी फीचर्स का दावा करती है ऐपल
ऐपल अपने यूजर्स को बाकी कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्राइवेसी देने का दावा करती है। इसके अलावा ऐप स्टोर पर मौजूद ऐप्स यूजर्स की कितनी जानकारी जुटाती हैं और उन्हें ट्रैक कर सकती हैं या नहीं, इससे जुड़े कंट्रोल्स ऐपल यूजर्स को नए अपडेट के बाद दिए गए हैं। चिंता जताई गई है कि भारत जैसे देशों में व्हाट्सऐप फॉरवर्ड्स यूजर्स की गैलरी में पहुंच जाते हैं, ऐसे में उनकी मुश्किलें नए स्कैनिंग फीचर के चलते बढ़ सकती हैं।