चाइल्ड सेफ्टी से जुड़ा फीचर लाई ऐपल, एक्सपर्ट्स ने बताया प्राइवेसी के लिए खतरा
टेक कंपनी ऐपल अपने यूजर्स को प्राइवेसी से जुड़ा भरोसा दिलाती रहती है और कई फीचर्स लेकर आई है। कंपनी ने पिछले सप्ताह जानकारी दी कि यह चाइल्ड एब्यूज से जुड़ी तस्वीरों के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए आईफोन और आईपैड फोटो गैलरीज स्कैन करेगी। साथ ही ऐपल i-मेसेज में नया टूल शामिल करेगी, जिससे चाइल्ड एब्यूज से जुड़ी तस्वीरें भेजने या रिसीव करने पर बच्चों और पैरेंट्स को चेतावनी दी जाएगी।
सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने चिंता जताई
बेशक ऐपल की ओर से दिए जा रहे नए फीचर का मकसद चाइल्ड एब्यूज से जुड़े कंटेंट पर रोक लगाना है लेकिन सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने इसके दूसरे पहलू का जिक्र किया है। रिसर्चर्स का कहना है कि नए ऐपल फीचर के चलते तैयार होने वाला 'बैकडोर' यूजर्स की प्राइवेसी को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐपल के लिए यूजर्स को भरोसा दिलाना आसान नहीं होगा कि नया फीचर उनके लिए सुरक्षित है।
ऐसे काम करेगा नया ऐपल फीचर
ऐपल के आईफोन और आईपैड में चाइल्ड एब्यूज से जुड़ी कोई तस्वीर या कंटेंट होने पर कंपनी चोरी-छुपे अमेरिकी की अथॉरिटीज को इस बात की जानकारी देगी। इस बदलाव का मकसद बच्चों के उत्पीड़न को रोकना और जरूरी होने पर उन तक मदद पहुंचाना है। यानी कि यूजर्स की गैलरी में सेव तस्वीरों का ऐक्सेस उनके अलावा ऐपल के पास भी होगा, जिसे लेकर एक्सपर्ट्स चिंता जाहिर कर रहे हैं।
आईफोन और आईपैड में CSAM डिटेक्शन
कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ने कहा कि आईफोन और आईपैड दोनों में क्रिप्टोग्राफी से जुड़ी नई ऐप्लिकेशंस को शामिल किया जाएगा। इनकी मदद से कंपनी की कोशिश चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटीरियल (CSAM) रोकने की है। ऐपल ने लिखा है, "CSAM डिटेक्शन की मदद से ऐपल कानूनी एजेंसियों को i-क्लाउड फोटोज में मौजूद CSAM कलेक्शंस से जुड़ी जानकारी दे पाएगी।" डिवाइसेज स्कैन करने के पीछे कंपनी का मकसद नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन को कंटेंट रिपोर्ट करना है।
प्राइवेसी के मामले में बेहतर होने का दावा
ऐपल अपने यूजर्स को बाकी कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्राइवेसी देने का दावा करती है। इसके अलावा ऐप स्टोर पर मौजूद ऐप्स यूजर्स की कितनी जानकारी जुटाती हैं और उन्हें ट्रैक कर सकती हैं या नहीं, इससे जुड़े कंट्रोल्स ऐपल यूजर्स को नए अपडेट के बाद दिए गए हैं। चिंता जताई गई है कि भारत जैसे देशों में व्हाट्सऐप फॉरवर्ड्स यूजर्स की गैलरी में पहुंच जाते हैं, ऐसे में उनकी मुश्किलें नए स्कैनिंग फीचर के चलते बढ़ सकती हैं।
ह्यूमन रिव्यूअर्स भी करेंगे सर्विलांस
रिपोर्ट में सामने आया है कि ऐपल का नया सिस्टम न्यूरलमैच सिस्टम का इस्तेमाल करेगा। अगर किसी डिवाइस में CSAM मिलता है तो ह्यूमन रिव्यूअर्स को अलर्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, यह ऐप्लिकेशन हमेशा ठीक से काम करेगी, ऐसा जरूरी नहीं है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मैथ्यू ग्रीन ऐपल की घोषणा के बाद कई ट्वीट्स में दिखा चुके हैं कि ऐसे सिस्टम धोखा खा सकते हैं, जिससे यूजर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।