#NewsBytesExplainer: दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार के बाद क्या राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो देगी AAP?
क्या है खबर?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली है और वो 27 साल बाद सरकार बनाने जा रही है।
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को हार का सामना करना पड़ा है और वो सत्ता से बाहर हो गई है। अरविंद केजरीवाल समेत AAP के कई बड़े नेता चुनाव हार गए हैं।
दिल्ली में हार से राष्ट्रीय पार्टी के रूप में AAP की स्थिति को नुकसान पहुंच सकता है।
आइए जानते हैं क्या AAP राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो देगी।
राजनीतिक पार्टियां
राजनीतिक पार्टियां कितनी तरह की होती हैं?
राजनीतिक पार्टियां 3 तरह की होती है- राष्ट्रीय पार्टी, क्षेत्रीय या राज्य स्तरीय पार्टी और गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी।
किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित 3 शर्तेों में से किसी एक को पूरा करना होता है। पहली शर्त है कि पार्टी को 4 राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त होना चाहिए।
6 प्रतिशत से अधिक वोट और दो या इससे अधिक सीटें होने पर राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे के लिए और क्या-क्या शर्तें हैं?
अगर कोई पार्टी 3 राज्यों में लोकसभा की कुल 543 सीटों में से कम से कम 2 प्रतिशत सीटें जीतती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।
इसके अलावा अगर कोई राजनीतिक पार्टी 4 लोकसभा सीटों पर जीत जाती है या पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में 6 प्रतिशत या इससे अधिक वोट हासिल कर लेती है तो भी उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
AAP
AAP को कब मिला था राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?
AAP को अप्रैल, 2023 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था। तब दिल्ली और पंजाब में उसकी सरकार थी।
2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में उसने 6 प्रतिशत से अधिक वोट और 2 से अधिक सीटें जीतकर क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा पा लिया था।
इसके बाद 2023 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में 5 सीटें और 13 प्रतिशत वोट भी पार्टी को मिले थे। इस तरह उसने राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे के लिए पहली शर्त पूरी की थी।
दर्जे पर खतरा
क्या अब AAP राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो देगी?
दिल्ली में हार के बावजूद AAP राष्ट्रीय पार्टी बनी रहेगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि AAP को दिल्ली में लगभग 43 प्रतिशत वोट मिले हैं, जो जरूरी 6 प्रतिशत से काफी ज्यादा है।
इसके अलावा पार्टी को 22 सीटें भी मिली हैं, जो राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने के लिए जरूरी सीटों से ज्यादा है।
2024 के लोकसभा चुनावों में भी AAP ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
फायदे
राष्ट्रीय पार्टी को क्या-क्या फायदे मिलते हैं?
राष्ट्रीय पार्टी को पूरे देश के लिए एक चुनाव चिन्ह आवंटित हो जाता है। कोई और पार्टी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकती।
पार्टी दिल्ली में अपना दफ्तर खोल सकती है। इसके लिए सरकार रियायती दरों पर जमीन या भवन देती है।
राष्ट्रीय मीडिया पर प्रचार के लिए निश्चित समय मिलता है। पार्टी चुनाव में 40 स्टार प्रचारकों को उतार सकती है।
राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करने के दौरान केवल एक प्रस्तावक की जरूरत होती है।
जानकारी
देश में अभी कौन-कौनसी राष्ट्रीय पार्टियां हैं?
फिलहाल 6 राष्ट्रीय पार्टियां हैं। इनमें भाजपा, बहुजन समाज पार्टी (BSP), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और AAP हैं। 2023 में तृणमूल कांग्रेस (TMC), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीना गया था।