पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य में मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग क्यों की?
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। आयोग को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा कि 16 फरवरी को गुरू रविदास जयंती है और इसके लिए अनुसूचित जाति से जुड़े लाखों लोग 10 से 16 फरवरी तक वाराणसी में रहेंगे। ऐसे में मतदान की तारीख को 14 फरवरी से कम से कम छह दिन आगे बढ़ाया जाए।
चन्नी ने पत्र में क्या लिखा?
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा को भेजे पत्र में चन्नी ने लिखा कि अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया है कि 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती है। इस मौके पर राज्य से बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के श्रद्धालुओं (करीब 20 लाख) के 10 से 16 फरवरी के बीच वाराणसी जाने की संभावना है। ऐसी स्थिति में इस समुदाय के कई लोग राज्य विधानसभा के लिए वोट नहीं डाल पाएंगे, जबकि यह उनका संवैधानिक अधिकार है।
मतदान की तारीख को छह दिन आगे बढ़ाने की मांग
चन्नी ने लिखा कि उन्होंने (प्रतिनिधियों) ने निवेदन किया है कि मतदान की तारीख को इस तरह आगे बढ़ाया जाए कि वे 10 से 16 फरवरी तक बनारस जा सकें और आकर विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकें। इसमें आगे लिखा गया है कि उपरोक्त पृष्ठभूमि में मतदान को कम से कम छह दिन के लिए स्थगित कर दिया जाए ताकि करीब 20 लाख लोग चुनावों के दौरान अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।
पंजाब में 32 प्रतिशत दलित आबादी
गौरतलब है कि पंजाब की आबादी में दलित समुदाय की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत है और खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस समुदाय से आते हैं। अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद कुर्सी संभालने वाले चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं।
पंजाब में एक चरण में होगा चुनाव
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में 14 फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और 10 मार्च को नतीेजे घोषित किए जाएंगे। पंजाब में कांग्रेस जहां अपना किला बचाने की कोशिश में है, वहीं आम आदमी पार्टी और अकाली दल पिछली हार को भूलकर सत्ता में आने के प्रयास कर रही हैं। कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह ने अपनी अलग पार्टी बनाई है और वो भाजपा के साथ मिलकर सत्ता की दावेदारी पेश कर रहे हैं।
पिछले चुनावों के नतीजे क्या रहे थे?
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में सरकार बनाई थी। आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रही थी, वहीं भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन ने 18 सीटें मिली थीं। इनमें से 15 सीट अकाली दल और तीन सीट भाजपा ने जीती थीं। चुनाव बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, लेकिन पिछले साल सितंबर में कांग्रेस ने उन्हें हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को कुर्सी सौंप दी।