मध्य प्रदेश: शिवराज चौहान से ज्योतिरादित्य सिंधिया तक, मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन-कौन शामिल?
मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत से प्रचंड जीत हासिल की है। उसने राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीती हैं, वहीं कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट कर रह गई है। चुनाव में मिली इस एकतरफा जीत के बाद अब भाजपा के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं और यहां कई चेहरे इस पद की रेस में हैं। आइए इन्हीं मुख्यमंत्री के दावेदारों के बारे में जानते हैं।
शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री की रेस में सबसे पहला नाम मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है। वह अपने गृह क्षेत्र बुधनी विधानसभा में अजेय रहे हैं और 1990 के बाद से इस सीट से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। शिवराज पिछले 20 में से 18 साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्हें प्रशासन चलाने का अच्छा-खासा अनुभव है। इसके अलावा इतनी बड़ी जीत के बाद शीर्ष नेतृत्व के लिए उन्हें पद से हटाना आसान नहीं होगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हैं। उन्होंने चुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले चुनाव में 7 की तुलना में इस बार भाजपा ने यहां 18 सीटें जीतीं हैं। इसके अलावा 2020 में सिंधिया के विद्रोह के कारण ही कांग्रेस की सरकार गिर गई थी, जिससे राज्य में भाजपा की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ था। उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी नजदीकियां है।
प्रहलाद सिंह पटेल
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी मुख्यंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। वह शिवराज के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का एक बड़ा चेहरा हैं। उन्होंने अपने गृहनगर क्षेत्र की नरसिंहपुर सीट से पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने इस चुनाव में बुंदेलखंड, महाकौशल, मध्य क्षेत्र और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पार्टी की सफलता के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। इस कारण उन्हें भी भाजपा आलाकमान द्वारा मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मुख्यमंत्री की रेस में हैं। उन्हें भाजपा आलाकमान ने राज्य चुनाव प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी सौंपी थी। वह खुद मुरैना क्षेत्र की दिमनी सीट से चुनाव लड़े और 24,461 वोटों से जीत हासिल की। नरेंद्र की गिनती शांत स्वभाव के नेताओं में होती है, लेकिन चुनाव से पहले उनके बेटे देवेंद्र सिंह तोमर के कथित लेन-देन के वीडियो वायरल होने से उनकी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। वह मालवा-निमाड़ क्षेत्र से आते हैं और यहां भाजपा ने 66 में से 47 सीटें जीतीं हैं। इस चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 सीट से लगभग 58,000 वोटों के अंतर से जीते हैं और उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को हराया है। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी के रूप में देखा जाता है।