मध्य प्रदेश: मंदिर में हादसा कैसे हुआ जहां 35 लोगों की मौत हो गई?
मध्य प्रदेश के इंदौर में गुरुवार को एक मंदिर में हुए हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। इस हादसे के बाद से यहां लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। घटनास्थल पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के बाद सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है। आज सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इंदौर पहुंचकर हादसे में घायल लोगों और उनके परिजनों से मुलाकात की।
कब, कहां और कैसे हुआ हादसा?
रामनवमी के दिन गुरुवार को इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में सुबह 11:30 बजे करीब ये हादसा हुआ, जिस समय श्रद्धालु मंदिर की बावड़ी की छत पर बैठे हुए थे। इस दौरान छत भीड़ का भार सहन नहीं कर सकी और भरभरा कर नीचे गिर गई। हादसे में कई लोग छत के मलबे के नीचे दब गए, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। इसके बाद से यहां NRDF और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी है।
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राहत और बचाव कार्य कार्य को लेकर क्या बोले अधिकारी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदौर के जिलाधिकारी इलैयाराजा टी ने कहा, "पिछले 18 घंटे से यहां राहत और बचाव कार्य चल रहा है। हादसे में अब तक कुल 35 लोगों की मौत हो गई है और 14 लोगों को बचा लिया गया है। अन्य लोगों की तलाश के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है।" उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त बावड़ी की छत पर 60 से ज्यादा लोग मौजूद थे, जो 60 फीट गहरी बावड़ी में जा गिरे।
हादसे को लेकर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज से की बात
इंदौर में हुए इस हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कोष से मृतकों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'इंदौर में हुए हादसे से बेहद आहत हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बात की और स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य को तेजी से आगे बढ़ा रही है। मेरी प्रार्थना सभी प्रभावितों और उनके परिवारों के साथ है।'
PMO ने हादसे को लेकर किया ट्वीट
मुख्यमंत्री शिवराज ने आज घटनास्थल का लिया जायजा
मुख्यमंत्री शिवराज ने इस हादसे हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश देते हुए मरने वालों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजा दिये जाने का घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सभी घायलों का इलाज का खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा करते हुए राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया और कहा कि राहत बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ जाएगी।
क्या टाला जा सकता था हादसा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेलेश्वर महादेव मंदिर समिति ने बिना नगर निगम की अनुमति से 30 साल पहले अवैध रूप से बावड़ी को ढककर उसके ऊपर निर्माण किया था। इस मामले में स्थानीय लोगों की शिकायत पर निगम ने अप्रैल 2022 को मंदिर समिति को नोटिस जारी कर बावड़ी को खोलने का आदेश दिया था, लेकिन फिर निगम ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अगर ये कार्रवाई हुई होती तो इस हादसे को टाला जा सकता था।
इस मामले को लेकर क्या बोले मुख्यमंत्री?
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, "इस मामले पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश में जितनी भी ऐसी बावड़ी, कुएं और बोरवेल हैं। उनकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" गौर हो कि मुख्यमंत्री आज हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा और भीड़ ने उनके खिलाफ नारे भी लगाए।