मध्य प्रदेश का सियासी घमासान: ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा
गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर मुलाकात की थी। इसके बाद सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने 9 मार्च को ही दे दिया था, जिसकी कॉपी उन्होंने आज अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके जानकारी दी। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है।
सिंधिया ने इस्तीफे में बयां किया अपना दर्द
सोनिया गांधी को दिए इस्तीफे में सिंधिया ने लिखा कि वह 18 वर्षों से कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य रहे हैं, लेकिन अब राह अलग करने का वक्त आ गया है। वह अपने लोगों, कार्यकर्ताओं और राज्य के लिए कांग्रेस में रहकर काम नहीं कर पा रहे हैं। वह कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने लिखा कि वह पिछले साल से इससे बच रहे थे, लेकिन वह कांग्रेस में और नहीं रह सकते हैं।
पार्टी ने सिंधिया को किया निष्कासित
ज्योतिरादित्य के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने भी इसे गंभीरता से लिया है। यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया। जाहिर है कि कांग्रेस भी उन्हें मनाने के मूड में नहीं है।
भाजपा में शामिल होने की है संभावना
सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब उनकी भाजपा ने शामिल होने की पूरी संभावना है। इसका प्रमुख कारण यह भी माना जा रहा है कि उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के साथ लंबी बैठक की थी। यह भी माना जा रहा है कि राज्यसभा के लिए भाजपा प्रबंधन की ओर से आज टिकटों की घोषणा की जाएगी। ऐसे में एक टिकट सिंधिया को भी दिया जा सकता है।
सिंधिया के 22 समर्थक मंत्री और विधायकों ने भी दिया इस्तीफा
सिंधिया के इस्तीफा देने के कुछ देर बाद ही उनके 22 समर्थक विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इनमें छह मंत्री हैं। सभी ने राज्यपाल को ईमेल पर इस्तीफे भेजे हैं। ऐसे में उनके भी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल होने की उम्मीदें बढ़ गई। यदि इन सभी ने भाजपा का दामन थाम लिया तो कांग्रेस बहुमत से दूर हो जाएगी और भाजपा पूर्ण बहुमत के आधार पर फिर से सत्ता पर काबिज हो जाएगी।
इन मंत्री और विधायकों ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा देने वालों में मंत्री तुलसी राम, प्रभुराम, गोविंद सिंह, महेन्द्र सिंह, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह और विधायक हरदीप सिंह, राज्यवर्घन सिंह, ब्रजेन्द्र सिंह, जसपाल सिंह, सुरेश धाकड़, जसवंत जाटव, संतराम, मुन्नालाल, रणवीर सिंह, ओपीएस भदौरिया, कमलेश जाटव, गिरीराज दंडौतिया सहित अन्य विधायक हैं।
ये है मध्य प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति
मध्य प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में दो विधायकों का निधन होने के कारण 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक का भी समर्थन है। इस तरह कांग्रेस को फिलहाल 121 विधायकों का साथ है। वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है। सिंधिया सहित उनके 23 समर्थकों के इस्तीफा देने से अब कांग्रेस के पास 98 विधायक ही बचे हैं।
भाजपा ने बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक
सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने तथा उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना को देखते हुए भाजपा ने भी सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के साथ संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई गई है। इसमें शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाए जाने को हरी झंडी दी जाएगी। इसके बाद चौहान बुधवार को राज्यपाल से मिलकर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर सकते हैं।
नियमानुसार करेंगे कार्रवाई
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के एक साथ इस्तीफा दिए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का बयान सामने आया हैं। उन्होंने कहा कि वह राज्य विधानसभा की स्थापित प्रक्रिया के अनुसार इस्तीफे के मामले में कार्रवाई करेंगे।
20 मंत्रीयों ने सोमवार रात को सौंपा था इस्तीफा
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के छह मंत्री और 12 विधायकों के अचानक फोन बंद कर लेने और बेंगुलुरू जाने की सूचना के बाद सोमवार रात हुई कैबिनेट की बैठक में 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के समर्थन में इस्तीफा दे दिया था। मंत्रियों ने इस्तीफा सौंपकर कमलनाथ को अपने विवेक से फिर से कैबिनेट का गठन करने की आजादी दी थी, लेकिन सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफा देने से यह दाव फेल हो गया।