राजस्थान चुनाव: 326 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले, 651 करोड़पति और 6 अरबपति मैदान में
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनावों के लिए मतदान होना है। इससे पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और राजस्थान इलेक्शन वॉच ने चुनावी मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों का विश्लेषण किया है। इसमें सामने आया है कि कुल 1,857 प्रत्याशियों में से 326 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 236 पर गंभीर प्रवृत्ति के आपराधिक मामले हैं। दूसरी ओर, 651 प्रत्याशियों की संपत्ति करोड़ों में है।
लगभग सभी पार्टियों से दागी उम्मीदवार मैदान में
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के 31 प्रतिशत और कांग्रेस के 24 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से भाजपा और कांग्रेस के क्रमश: 21 और 17 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के मुकदमे दर्ज हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के 72 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के 12 और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 6 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमे हैं।
अरबपति हैं 6 प्रत्याशी
कुल प्रत्याशियों में से मात्र 27 प्रतिशत (507 उम्मीदवार ) ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति 10 लाख से कम हैं। वहीं, 651 उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनमें राष्ट्रीय पार्टियों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। पिछले चुनावों में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 27 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के 3-3 उम्मीदवार अरबपति हैं। भाजपा के 200 में से 176, BSP के 185 में से 36 और कांग्रेस के 199 में से 167 उम्मीदवार करोड़पति हैं।
कांग्रेस के रफीक मंडेलिया सबसे अमीर
चुरू से कांग्रेस के उम्मीदवार रफीक मंडेलिया सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति 166 करोड़ बताई है। दूसरे नंबर पर नीम का थाना से भाजपा प्रत्याशी प्रेम सिंह बाजौर हैं, जिन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति 123 करोड़ रुपए बताई है। नागौर से कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा और संगरिया से आजाद समाज पार्टी के परम नवदीप की संपत्ति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से ज्यादा है। भाजपा के प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 8.24 करोड़ रुपए है।
कम हुई पढ़े-लिखे उम्मीदवारों की संख्या
पिछले चुनावों के मुकाबले पढ़े-लिखे उम्मीदवारों की संख्या इस बार कम हुई है। इस बार 11 प्रत्याशी निरक्षर, 137 साक्षर, 66 पांचवीं पास, 201 आठवीं पास और 249 बारहवीं पास हैं। पिछले चुनावों में 353 उम्मीदवार स्नातक पास थे, तो इस इस बार 323 ही हैं। 2018 में 345 परास्नातक तक पढ़े हुए उम्मीदवार मैदान में थे, जो इस बार कम होकर 316 हो गए हैं। कोई भी उम्मीदवार ऐसा नहीं है, जिसने पढ़ाई-लिखाई की जानकारी नहीं दी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को हो चुका है और इसी दिन मिजोरम में भी मतदान हुआ था। मध्य प्रदेश में भी 17 नवंबर को मतदान हो चुका है। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा। सभी राज्यों के चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 99 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 73 और BSP ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी।