मध्य प्रदेश में अब जनता करेगी मेयर का चुनाव, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से नगर निगम मेयर और नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में संशोधन को लेकर लाए गए अध्यादेश को गुरुवार को राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अब राज्य में नगर निगम मेयर का चुनाव सीधे जनता (प्रत्यक्ष रुप) करेगी और नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीतकर आए पार्षद मिलकर (प्रत्यक्ष रुप) करेंगे। राज्यपाल ने अध्यादेश को यह स्वीकृति शाम को हुई शिष्टाचार बैठक के दौरान दी है।
शहरी विकास मंत्री ने किया अध्यादेश को मंजूरी मिलने का ऐलान
राज्य के शहरी विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, "राज्य सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि 16 नगर पालिकाओं में महापौरों का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाना चाहिए, जबकि नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का चुनाव पार्षदों द्वारा किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने सरकार के अध्यादेश पर अपनी सहमति दे दी है।" उन्होंने कहा, "जल्द ही एक अधिसूचना जारी करने के बाद प्रस्ताव को राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा।"
कमलनाथ सरकार ने किया था व्यवस्था में बदलाव
बता दें कि 2019 में राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार ने मेयर और नगर पालिका अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने वाली व्यवस्था को समाप्त कर दिया था। उस दौरान भाजपा ने इसका विरोध भी किया था। इसके बाद फिर से सत्ता में लौटी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 9 दिसंबर, 2020 को निकाय चुनाव व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए एक अध्यादेश पारित किया था।
अध्यादेश पर दो धड़ों में बंट गई थी भाजपा
बता दें कि सरकार ने 14 मई को मेयर, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने को लेकर नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश, 2022 को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा था। इस पर भाजपा में दो धड़े हो गए थे। एक पक्ष प्रत्यक्ष तो दूसरा पक्ष अप्रत्यक्ष तरीके से चुनाव चाहता था। इसके बाद 16 मई को सरकार ने अध्यादेश वापस ले लिया और इस पर फिर से विचार किया।
सरकार ने चर्चा के बाद अध्यादेश में किया संशोधन
वापस लिए गए अध्यादेश पर सरकार और संगठन के पदाधिकारियों ने बैठक कर चर्चा की और फिर उसमें मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से तथा नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला लिया गया। इसके बाद मंगलवार देर रात नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने अध्यादेश में आवश्यक संशोधन कर उसके प्रारूप को अनुमति के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि राज्य में अगले महीने मेयर के नेतृत्व वाले 16 नगर निगमों, अध्यक्ष के नेतृत्व वाली 99 नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों की अध्यक्षता वाली 300 नगर परिषदों के चुनाव होने हैं। इन चुनावों में संशोधित अध्यादेश वाले नियम लागू किए जाएंगे। ऐसे में अब प्रदेश की जनता को तीन साल बाद सीधे वोट डालकर मेयर का चुनाव करने का मौका मिलेगा। बता दें कि कांग्रेस पार्टी सरकार के इस बदलाव के पक्ष में नहीं है।