अनुच्छेद 370 हटने, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर किसने क्या कहा?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इसे लेकर प्रस्ताव पेश किया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को भी हटा दिया गया है।
मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर अब एक राज्य न रहकर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इसमें विधानसभा होगी, वहीं लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
आइये, जानते हैं इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने क्या कहा है?
फैसले का विरोध
महबूबा मुफ्ती ने बताया लोकतंत्र का काला दिन
महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि आज भारतीय लोकतंत्र का काला दिन है। जम्मू-कश्मीर नेतृत्व द्वारा भारत में मिलने का फैसला आज उल्टा पड़ गया है। अनुच्छेद 370 को खत्म करना गैर-कानूनी और असंवैधानिक हैं।
उन्होंने लिखा कि इस फैसले के नकारात्मक असर होगा। भारत सरकार की मंशा साफ है। वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को डराकर इसे चाहते हैं। भारत सरकार कश्मीर को लेकर किए गए अपने वादों को पूरा करने में असफल रही है।
ट्विटर पोस्ट
अनुच्छेद 370 को खत्म करना असंवैधानिक- मुफ्ती
It will have catastrophic consequences for the subcontinent. GOIs intentions are clear. They want the territory of JK by terrorising it’s people. India has failed Kashmir in keeping its promises.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
जानकारी
सर्वदलीय बैठक बुला सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी इस फैसले के बाद सर्वदलीय बैठक बुला सकते हैं। इसके अलावा वो कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात करेंगे। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री 7 अगस्त को देश को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस
फैसले के विरोध में कांग्रेस
राज्यसभा में चर्चा के दौरान नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लाखों लोगों ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ रखने के लिए कुर्बानी दी। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव पेश कर भाजपा ने संविधान की हत्या की है।
सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद PDP के दो सासंदों ने संविधान को फाड़ने की कोशिश की, जिन्हें सभापति ने बाहर निकाल दिया। आजाद ने इन सांसदों की आलोचना की।
जानकारी
राठौड़ ने दिया प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को धन्यवाद
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद ने राज्यवर्धन सिंह ने सरकार के इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि कश्मीर में शहीद हुए सैनिकों को यह सर्वोत्तम श्रद्धांजलि है।
ट्विटर पोस्ट
अनुच्छेद 370 गया- राठौड़
Thank you @narendramodi ji @AmitShah ji
— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) August 5, 2019
THIS IS THE BEST HOMAGE
TO ALL
🇮🇳SOLDIERS MARTYRED🇮🇳
IN KASHMIR
#Article370 going going .... (gone)
जानकारी
सरकार के समर्थन में बसपा
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, "हम चाहते थे कि यह बिल पास हो। हमारी पार्टी अनुच्छेद 370 बिल और दूसरे बिल का विरोध नहीं करेगा।"
ट्विटर पोस्ट
लद्दाख के सांसद ने किया बिल का स्वागत
Jamyang Tsering Namgyal, BJP MP from Ladakh: I welcome the Bill on behalf of everyone in Ladakh. People there wanted the region to be a Union Territory. People in Ladakh wanted that the region be freed from the dominance discrimination of Kashmir, that is happening today. pic.twitter.com/02LiyBlEa3
— ANI (@ANI) August 5, 2019
जानकारी
लद्दाख के भाजपा सांसद ने किया फैसले का स्वागत
लद्दाख के भाजपा सांसद जमयांग सेंरिंग ने कहा कि वो लद्धाख के लोगों की तरफ से इस बिल का स्वागत करते हैं। लंबे समय से लोग इसकी मांग कर रहे थे। लद्दाख के लोग कश्मीर के प्रभुत्व और भेदभाव से आजाद होना चाहते थे।
विरोध
बिल के विरोध में जनता दल
NDA मेें भाजपा के सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
पार्टी के नेता केसी त्यागी ने कहा, "हमारे मुख्यमंत्री जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडीज की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए हमारी पार्टी राज्यसभा में पेश हुए बिल का समर्थन नहीं कर रही है। हमारी सोच अलग है। हम चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया जाएगा।"
समर्थन
BJD और AIADMK ने किया बिल का समर्थन
बीजू जनता दल (BJD) ने इस बिल का समर्थन किया है। पार्टी के सांसद प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि असल मायनों में आज जम्मू-कश्मीर भारत का अंग बना है। उनकी पार्टी इस प्रस्ताव का समर्थन करती है।
वहीं तमिलनाडु की पार्टी AIADMK ने भी इसका समर्थन किया है। AIADMK के सांसद ए नवनीतकृष्णन ने कहा कि अम्मा (जयललिता) संप्रभुता और एकता बनाए रखने की हिमायती थीं। इसलिए उनकी पार्टी इन बिल का समर्थन करती है।
चुनौती
उमर अब्दुला ने कहा- बिल असंवैधानिक, चुनौती देंगे
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने कहा कि भारत सरकार का यह एकपक्षीय और चौंकाने वाला फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों के भरोसे के साथ धोखा है। इस फैसले के खतरनाक नतीजे होंगे। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ भारत सरकार की आक्रमकता है।
अब्दुला ने कहा कि राज्यपाल ने इस मामले में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से झूठ बोला है। अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर अब्दुला ने कहा कि यह असंवैधानिक है और उनकी पार्टी चुनौती देगी।