
संसद के मानसून सत्र से हटाया गया प्रश्नकाल, विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
क्या है खबर?
कोरोना वायरस संकट के बीच 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से प्रश्नकाल को रद्द करने पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।
आमतौर पर सदन में पहला घंटा प्रश्नकाल को समर्पित होता था। इसमें सांसद सरकार से योजनाओं आदि को लेकर सवाल पूछते थे। इस बार इसे रद्द कर दिया गया है।
इसके साथ ही प्राइवेट मेंबर बिल का समय भी हटा दिया गया है। कोरोना संकट को इनकी वजह बताया जा रहा है।
जानकारी
जीरो आवर का समय भी घटाया गया
प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर बिल का समय हटाने के साथ-साथ जीरो आवर का समय घटाकर आधा घंटा किया गया है। जीरो आवर में सांसद लोगों से जुड़े किसी अहम मुद्दे को सदन में उठाते हैं। इन्हें लेकर अब सरकार की आलोचना शुरू हो गई है।
आलोचना
डेरेक ओ'ब्रायन बोले- महामारी के बहाने लोकतंत्र की हत्या
प्रश्नकाल को रद्द किए जाने पर विरोधी सांसद सरकार पर हमलावर हो गए हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने आरोप लगाया कि सरकार महामारी के बहाने लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल रद्द होने से विपक्षी सांसदों का सवाल पूछने के अधिकार छीन गया है। 1950 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है? संसद के काम करने के घंटे पहले जैसे हैं तो प्रश्नकाल क्यों रद्द किया गया?
निशाना
थरूर बोले- सरकार के सवाल करना लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन जैसा
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ऐसी ही चिंता व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, "मैंने चार महीने पहले कहा था कि मजबूत नेता लोकतंत्र और असहमति को दबाने के लिए के लिए महामारी के बहाने का इस्तेमाल करेंगे।"
त्रिवेंद्रम से लोकसभा सांसद थरूर ने कहा कि सरकार से सवाल करना संसदीय लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन का काम करता है। यह सरकार संसद को एक नोटिस बोर्ड बनाने पर तुली हुई है।
मांग
अधीर रंजन चौधरी ने ओम बिरला को लिखा था पत्र
इससे पहले जब ऐसे कयास लग रहे थे कि प्रश्नकाल को खत्म किया जा सकता है, तब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिख ऐसा न करने की मांग की थी।
उन्होने लिखा कि प्रश्नकाल को खत्म करना संकट के समय में सांसदों के हित में नहीं होगा।
सत्र के आयोजन के लिए बिरला द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए चौधरी ने उनकी मांग मानने की भी अपील की थी।
मानसून सत्र
सत्र के आयोजन में दिखेंगे कई तरह के बदलाव
बीते सप्ताह लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR, AIIMS, DRDO और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
उन्होंने इन अधिकारियों से कोरोना वायरस संकट के बीच संसद के सत्र के आयोजन को लेकर बातचीत की थी।
बैठक के बाद फैसला लिया गया कि सत्र शुरू होने से 72 घंटे पहले सभी सांसदों और कर्मचारियों को टेस्ट किया जाएगा। साथ ही टच-फ्री सिक्योरिटी चेक का इंतजाम किया जाएगा।
मानसून सत्र
दो शिफ्टों में लगेंगे सदन
रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा और राज्यसभा के सदन भीड़ को कम करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दो शिफ्टों में काम करेंगे।
पूरे सत्र के दौरान सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही चलेगी और दोपहर बाद 3 बजे से लेकर 7 बजे तक राज्यसभा काम करेगी।
14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले मानसून सत्र में कोई साप्ताहिक अवकाश नहीं होगा।