राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग संपन्न, द्रौपदी मुर्मू का जीतना लगभग तय
कल यानि सोमवार को संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं में निर्वाचित प्रतिनिधियों ने देश का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए अपना वोट डाला। वोटिंग करीब-करीब पहले से तय अनुमानों के मुताबिक ही हुई, हालांकि कुछ जगह पर विधायकों के क्रॉस-वोटिंग करने की खबर है। इन वोटों की गणना 21 जुलाई को होगी और कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का अगला राष्ट्रपति बनना लगभग तय है।
99 प्रतिशत से अधिक रहा वोटिंग प्रतिशत
सोमवार शाम वोटिंग खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने बयान जारी करते हुए बताया कि लोकसभा और राज्यसभा के 771 सांसदों और सभी विधानसभाओं के 4,025 विधायकों में से 99 प्रतिशत से अधिक ने वोट डालने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, सिक्किम और तमिलनाडु ऐसे राज्य रहे जहां के 100 प्रतिशत विधायकों ने वोट डाला। दो विधायकों को वोट डालने के लिए अयोग्य करार दिया गया।
इन आठ सांसदों ने नहीं डाला वोट
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भाजपा के सनी देओल और संजय धोत्रे, शिवसेना के गजानन कीर्तिकर, कांग्रेस के मोहम्मद सादिक, AIMIM के इम्तियाज जलील, DMK के टीआर पारिवेन्दर और बसपा के हाजी फजलुर रहमान और अतुल कुमार सिंह ऐसे सांसद रहे जिन्होंने वोट नहीं डाला।
कांग्रेस के दो और NCP के एक विधायक ने स्वीकारी क्रॉस-वोटिंग की बात
कई जगह से क्रॉस-वोटिंग की खबर भी आई, हालांकि कितने सांसदों और विधायकों ने क्रॉस-वोटिंग की, ये 21 जुलाई को वोटों की गिनती के बाद ही पता चल सकेगा। कांग्रेस के दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक विधायक ने सार्वजनिक तौर पर मुर्मू के समर्थन में क्रॉस-वोटिंग की बात स्वीकारी है। इन विधायकों में हरियाणा के कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई, ओडिशा के कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकिम और गुजरात के NCP विधायक कांधल जडेजा शामिल हैं।
मुर्मू का जीतना लगभग तय, लगभग 60 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद
इस राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का जीतना लगभग तय है। भाजपा और उसके NDA सहयोगियों के पास पहले से ही 48 प्रतिशत वोट थे। इसके बाद बीजू जनता दल, बसपा, YSR कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल सेक्युलर, झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना आदि ने भी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया जिसके बाद उनका वोट शेयर 60 प्रतिशत पर पहुंच गया। चुनाव में मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से है।
अगर चुनाव जीतीं तो पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी मुर्मू
जैसा कि आंकड़ों से लगभग तय लग रहा है, अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीतती हैं तो वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। वह ओडिशा से आने वाली देश की पहली राष्ट्रपति भी होंगी। इसके साथ ही वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी बन जाएंगी। उनसे पहले केवल प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति रही हैं। मुर्मू इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वह भाजपा की टिकट पर दो बार विधायक चुनी गई थीं।