
महाराष्ट्र: ठाकरे बंधु 20 साल बाद एक मंच पर दिखे, मुंबई में निकाली 'मराठी एकता' रैली
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में निकाय चुनावों से पहले मुंबई से बड़ी तस्वीर सामने आई है। 20 साल बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर नजर आए हैं। दोनों नेताओं ने मुंबई के वर्ली में 'मराठी एकता' को लेकर 'विजय रैली' निकाली। महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद के बीच ये रैली निकाली गई है। हालांकि, इस रैली में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)- शरद शामिल नहीं हुई।
बयान
राज बोले- बालासाहेब हमें एक नहीं कर पाए, फडणवीस ने कर दिया
राज ठाकरे ने कहा, "सही में तो मोर्चा निकालना चाहिए था। मराठी आदमी कैसे एक साथ आता है, लेकिन सिर्फ मोर्चा की चर्चा हुई तो उससे सरकार बैकफुट पर आ गई। किसी भी झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। बालासाहेब हमें एक नहीं कर पाए, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने कर दिया। आज 20 साल बाद मैं और उद्धव एक साथ हैं। मुंबई को कोई महाराष्ट्र से अलग नहीं कर सकता है।"
ट्विटर पोस्ट
दोनों नेताओं ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया
#WATCH | Brothers- Uddhav Thackeray and Raj Thackeray garland the statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj at the joint rally of their parties Shiv Sena (UBT) and Maharashtra Navnirman Sena (MNS) at Worli Dome in Mumbai.
— ANI (@ANI) July 5, 2025
(Source: Shiv Sena-UBT) pic.twitter.com/XZEMwh6rUp
हिंदी
राज बोले- कोई हिंदी थोप नहीं सकता
राज ने कहा, "छोटे-छोटे बच्चों के साथ जबरदस्ती करोगे? हिंदी अच्छी भाषा है, लेकिन आप किसी पर थोप नहीं सकते। जो हिंदी भाषा वाले राज्य नहीं है, वो आर्थिक रूप से आगे हैं। हिंदी बोलने वाले हमारे यहां रोजगार के लिए आते हैं। भाषा कोई भी हो वो श्रेष्ठ होती है। नीति लागू करने से भाषा लागू नहीं होती। भाषा की यह चीजें महाराष्ट्र में ही क्यों लाते हैं? अपने नेताओं की हिंदी सुन लो गिर जाओगे।"
उद्धव का बयान
उद्धव बोले- हमारी ताकत साथ रहने में
उद्धव ने कहा, "हमको बाल ठाकरे ने बताया था कि सत्ता आती है, जाती है, लेकिन ताकत एक साथ होने में है। हमारी ताकत एकता में है। संकट आने पर हम सब एक हो जाते हैं। न्याय के लिए हम बाहुबली बनने को तैयार है। देश एक, संविधान एक, लेकिन निशान देश का हो, भाजपा का नहीं। हम ने कभी हिंदूत्व नहीं छोड़ा, न छोड़ेंगे। हमें हिंदू और हिंदुस्तान स्वीकार्य हैं, लेकिन हिंदी नहीं है।"
वजह
ठाकरे बंधु क्यों निकाल रहे हैं रैली?
महाराष्ट्र सरकार ने अप्रैल में सभी मराठी और अंग्रेजी स्कूलों में कक्षा पहली से 5वीं तक हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बना दिया था। ये फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रि-भाषा नीति के अनुरूप लिया गया था। ठाकरे बंधुओं समेत विपक्ष के कई नेता इसके खिलाफ हो गए। दोनों भाइयों ने इसके विरोध में रैली निकालने का ऐलान किया था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद महाराष्ट्र सरकार हिंदी अनिवार्य वाला आदेश वापस ले चुकी है।
विवाद
क्यों अलग हुए थे उद्धव और राज ठाकरे?
राज शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के भतीजे हैं। एक वक्त में राज की शिवसेना में नंबर 2 की हैसियत थी। माना जाता था कि आगे चलकर राज ही पार्टी की कमान संभालेंगे। हालांकि, बालासाहेब द्वारा उद्धव को उत्तराधिकारी घोषित करने के फैसले से नाराज होकर राज ने 27 नवंबर, 2005 को शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) बनाई। हालिया समय में दोनों नेताओं में सुलह के संकेत मिले हैं।