जिस मैदान में उद्धव ठाकरे ने ली शपथ, वह शिवसेना के लिए इतना खास क्यों है?
लगभग एक महीने तक चले सियासी नाटक के बाद गुरुवार को आखिरकार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उद्धव कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थन से बनी सरकार के मुखिया होंगे। मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क मैदान में आयोजित किया गया। 28 एकड़ में फैले इस मैदान से शिवसेना की कई यादें जुड़ी हुई हैं। आइये, जानते हैं कि यह मैदान शिवसेना के लिए इतना खास क्यों हैं।
महिम पार्क के नाम 1925 में बनाया गया था मैदान
यह मैदान 1925 में महिम पार्क के नाम से बनाया गया था। दो साल बाद स्वतंत्रता सेनानी और बृह्नमुंबई नगर पालिका (BMC) के तत्कालीन काउंसलर अवंतिकाबाई गोखले के प्रयासों से इस पार्क का नाम महिम पार्क से बदलकर शिवाजी पार्क कर दिया गया। लोगों की मांग पर यहां शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाई गई। 30 और 40 के दशक में इस पार्क का इस्तेमाल आजादी की रैलियों के आयोजन के लिए किया जाता था।
बाल ठाकरे ने इसी मैदान में संबोधित की थी अपनी पहली रैली
आजादी के बाद शिवाजी पार्क में संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के लिए रैलियों का आयोजन किया गया था। यह आंदोलन महाराष्ट्र को बॉम्बे से अलग राज्य बनाने के लिए हुआ था। आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के पिता और समाज सुधारक केशव सीताराम ठाकरे भी शामिल थे। केशव सीताराम एक पाक्षिक पत्रिका 'प्रबोधन' निकालते थे, जिसमें सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लेख लिखे जाते थे। बाल ठाकरे ने अपनी पहली रैली इसी मैदान में संबोधित की थी।
आक्रामक भाषणों ने ठाकरे ने तैयार किया बड़ा कैडर
1966 में बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की थी। शिवाजी पार्क में ठाकरे ने अपनी पहली रैली को संबोधित किया। उसके बाद से हर साल दशहरे पर यहां पर कार्यक्रम आयोजित होने लगा। मराठी लोगों की बहुलता वाले दादर इलाके में स्थित होने के कारण बड़ी संख्या में लोग इस मैदान में होने वाले कार्यक्रम में पहुंचते थे। अपने आक्रामक भाषणों के चलते ठाकरे ने जल्द ही बड़ी संख्या में अपनी पार्टी के लिए बड़ा कैडर तैयार कर लिया।
अब उद्धव ठाकरे करते हैं दशहरा रैली को संबोधित
साल 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवाजी पार्क मैदान को 'साइलेंट जोन' घोषित कर दिया था। कोर्ट के इस आदेश के बाद ठाकरे ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना में एक आक्रामक संपादकीय लिखा था। बाद में कोर्ट ने इस मैदान में दशहरे पर होने वाले कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दे दी थी। अब भी इस मैदान में हर साल दशहरा रैली होती है, जिसे बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे संबोधित करते हैं।
दशहरा रैली में पहुंचे थे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी
बाद के सालों में ठाकरे ने दशहरा रैली में देश के बड़े नेताओं को बुलाना शुरू कर दिया। यहां पहुंचने वाले नेताओं में अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमोद महाजन, जॉर्ज फर्नांडीज और शरद पवार आदि प्रमुख नाम हैं। 1995 में जब राज्य में पहली बार शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार बनी तब शिवसेना के मनोहर जोशी ने इसी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। आज एक बार फिर शिवसेना ने एक और मुख्यमंत्री ने इसी मैदान में शपथ ली।
शिवाजी पार्क में है बाल ठाकरे का स्मृति स्थल
बाल ठाकरे कई सालों तक इस मैदान के पास रहे। 2012 में उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद शिवाजी पार्क मैदान में उन्हें समर्पित स्मृति स्थल बनाया गया था। शिवसेना का मुख्यालय सेना भवन भी मैदान से थोड़ी दूरी पर स्थित है।