महाराष्ट्र: अपने हिस्से में आए मंत्रालयों से खुश नहीं कांग्रेस, उद्धव ठाकरे से मांगे अहम विभाग
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार को बने हुए अभी एक महीना ही हुआ है और गठबंधन में नाराजगी और नाखुशी की खबरें आने लगी हैं। कांग्रेस मंत्रिमंडल के बंटवारे में उसके हिस्से आए विभागों से खुश नहीं है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उसके मंत्रियों को दो-तीन अहम मंत्रालय देने का अनुरोध किया है। पार्टी को उम्मीद है कि उद्धव उनके इस अनुरोध को स्वीकार करेंगे।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बोले- हमें और मंत्रालय चाहिए
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने गुरूवार को इस बारे में बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी उसे मिले मंत्रालयों से खुश नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर हमें 30 दिसंबर को होने जा रहे कैबिनेट विस्तार में अतिरिक्त मंत्रालय दिए जाते हैं तो कांग्रेस खुश होगी। हमें अपने कई नेताओं को समायोजित करना है इसलिए हमें और मंत्रालय चाहिए। लेकिन ये पूरी तरह से मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है जो गठबंधन के नेता हैं।"
इन मंत्रालयों की मांग कर रही है कांग्रेस
थोराट ने इस दौरान ये नहीं बताया कि उन्हें कौन-कौन से मंत्रालय चाहिए। हालांकि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि पार्टी को ग्रामीण विकास और कृषि मंत्रालय में एक मंत्रालय चाहिए। कांग्रेस इन दो मंत्रालयों की मांग इसलिए कर रही है क्योंकि ये उन्हें ग्रामीण इलाकों से जुड़ने में मदद कर सकते हैं। वहीं आवास और उद्योग से जुड़े एक मंत्रालय की मांग भी कांग्रेस कर रही है।
कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व भी अहम मंत्रालयों की मांग के पक्ष में
पार्टी नेताओं के अनुसार, दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का भी मानना है कि महाराष्ट्र के नेताओं को अहम मंत्रालयों की मांग करनी चाहिए। इससे कांग्रेस न केवल सरकार के कामकाज को प्रभावित कर सकेगी बल्कि लोगों तक भी पहुंची सकेगी। शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र इकाई को उद्धव ठाकरे के साथ मंत्रालयों के बंटवारे पर दोबारा बातचीत करने को कहा है। पार्टी कैबिनेट विस्तार के समय मंत्रालयों पर अंतिम निर्णय से पहले इस पर बातचीत करना चाहती है।
किसके हिस्से में आए कौन से मंत्रालय?
बता दें कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार में शिवसेना के हिस्से में शहरी विकास, गृह और उद्योग जैसे अहम मंत्रालय आए हैं, जबकि NCP के हिस्से वित्त, ग्रामीण विकास, सहकारिता, सिंचाई, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आवास विभाग आदि मंत्रालय आए हैं। कांग्रेस को राजस्व, लोक निर्माण कार्य और ऊर्जा विभाग दिए गए हैं। कांग्रेस के कई नेताओं को लगता है कि मंत्रालयों को बंटवारा शिवसेना और NCP की ओर झुका हुआ है।
उप मुख्यमंत्री पद की मांग की अटकलों को थोराट ने बताया गलत
बता दें कि सत्ता बंटवारे का फॉर्मूला तैयार होते समय कांग्रेस ने उप मुख्यमंत्री पद की मांग भी की थी। लेकिन अंत में शिवसेना का मुख्यमंत्री, NCP का उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस का स्पीकर होने पर रजामंदी बनी। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस फिर से उप मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है। हालांकि थोराट ने इन खबरों को गलत बताते हुए कहा कि वो फॉर्मूले पर कायम रहेंगे।