महाराष्ट्र की उथल-पुथल में नया मोड़, अगले दो दिन अपने विधायकों को होटल में रखेगी शिवसेना
महाराष्ट्र में सत्ता के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर आमने-सामने आईं शिवसेना और भाजपा में अब लड़ाई का एक नया मोर्चा खुल गया है। पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में भाजपा पर विधायक खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इसके बाद खबर आई कि शिवसेना अपने विधायकों को एक होटल में शिफ्ट कर सकती है, लेकिन संजय राउत ने उन्हें खारिज कर दिया। अब शिवसेना के एक विधायक ने इन खबरों की पुष्टि की है।
अगले दो दिन रंगशारदा होटल में रहेंगे विधायक
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मातोश्री पर मुलाकात के बाद पार्टी विधायक गुलाबराव पाटिल ने होटल में रहने की बात कही है। समाचार एजेंसी से बात करते हुए पाटिल ने कहा, "हम (शिवसेना विधायक) अगले दो दिन रंगशारदा होटल में रहेंगे। उद्धव साहब हमसे जो भी करने को कहेंगे, हम वो करेंगे।" बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए अगले दो दिन यानि शनिवार तक का ही समय है।
संजय राउत ने किया था विधायकों को होटल शिफ्ट करने की बात से इनकार
पाटिल ने ये बयान ऐसे समय पर दिया है जब शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत विधायकों को होटल में रखने की संभावना से इनकार कर चुके हैं। इस संबंध में आ रही खबरों को खारिज करते हुए राउत ने कहा था, "हमारे विधायक पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें बागी होने से रोकने के लिए हमें उन्हें अलग रखने की कोई जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र में कोई भी पार्टी नहीं टूटेगी।"
विधायकों के साथ उद्धव की बैठक में लिया गया फैसला
राउत ने रिपोर्टर्स से बात करते हुए कहा था, "कोई भी शिवसेना विधायकों के पास आने की हिम्मत नहीं कर सकता। हमारे विधायक अपने संकल्प पर दृढ़ हैं। जो ऐसी अफवाह फैला रहे हैं, उन्हें पहले अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए।" राउत के इस बयान के बाद उद्धव ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की थी और इसी बैठक के बाद पाटिल ने अगले दो दिन रंगशारदा होटल में रहने की बात कही है।
उद्धव का भाजपा को स्पष्ट संदेश
इसी बैठक में उद्धव ने भाजपा को साफ संदेश दे दिया कि वह मुख्यमंत्री पद पर अपनी मांग पर पीछे नहीं हटेंगे। विधायकों से उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद से कम कुछ भी स्वीकार करना होता तो वो 15 दिन क्यों बर्बाद करते।
इन बातों से मिले थे शिवसेना टूट सकने के संकेत
बता दें कि भाजपा को समर्थन दे चुके निर्दलीय विधायक रवि राणा ने दो दिन पहले ही दावा किया था कि शिवसेना के 25 विधायक फडणवीस के संपर्क में हैं और अगर शिवसेना भाजपा के साथ नहीं गई तो वो अपने विधायक खो देगी। वहीं आज सुबह 'सामना' के संपादकीय में शिवसेना ने भी भाजपा पर उसके विधायक खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। इन बातों से संकेत मिलते हैं कि शिवसेना में अंदरखाने सब ठीक नहीं है।
राज्यपाल से मिले भाजपा नेता
शिवसेना के साथ जारी इन सियासी दांव-पेचों के बीच भाजपा के एक दल ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। इस दल में महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन, सुधीर मुनगंटीवार और आशीष शेलर शामिल थे। मुलाकात के बाद पाटिल ने कहा कि उन्होंने राज्य की राजनीतिक स्थिति और कानून विकल्पों पर राज्यपाल के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने गठबंधन को जनादेश दिया है।
क्यों आमने-सामने हैं भाजपा और शिवसेना?
भाजपा और शिवसेना महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़े थे। चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं और जनता ने उन्हें गठबंधन में सरकार बनाने का आदेश दिया। लेकिन दोनों पार्टियों में सत्ता के बंटवारे को लेकर अभी तक सहमति नहीं बनी है। शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद और अहम मंत्रालय मांग रही है, वहीं भाजपा मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं है।