हरियाणा विधानसभा चुनाव: मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर सकते हैं तेज बहादुर यादव
क्या है खबर?
पूर्व BSF जवान तेज बहादुर यादव आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चुनौती देते दिख सकते हैं।
समाजवादी पार्टी से जुड़े यादव ने करनाल विधानसभा से खट्टर के सामने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
यादव इससे पहले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के सामने चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया था।
बता दें कि हरियाणा में 21 अक्तूबर को मतदान होगा और 24 अक्तूबर को नतीजे घोषित होंगे।
दावेदारी
सपा नेतृत्व से विमर्श के बाद होगा अंतिम फैसला- यादव
तेज बहादुर यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि वो अपनी पार्टी से विचार-विमर्श करने के बाद अंतिम फैसला लेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने बतौर सपा उम्मीदवार प्रधानमंत्री मोदी के सामने अपनी उम्मीदवारी जताई थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया।
उन्होंने कहा, "मैं खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहता हूं, लेकिन अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। मैं भाजपा शासन में किसानों, जवानों और कर्मचारियों की समस्याओं की तरफ ध्यान खींचना चाहता हूं।"
लोकसभा चुनाव
इस वजह से नहीं लड़ पाए थे लोकसभा चुनाव
2019 लोकसभा चुनाव में तेज बहादुर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था।
हालांकि, बाद में समाजवादी पार्टी ने समर्थन देते हुए अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उनकी उम्मीदवारी खारिज हो गई थी।
नामांकन पत्रों की जांच में पता चला कि यादव द्वारा दाखिल दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी दी।
इसके बाद निर्वाचन अधिकारियों ने अपर्याप्त दस्तावेजों का हवाला देते हुए उनका नामांकन रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ यादव ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
दावेदारी
26 सितंबर को लेंगे अंतिम फैसला
सोशल मीडिया पर BSF जवानों को दिए जाने वाले खाने की शिकायत का वीडियो वायरल होने के बाद यादव को 2017 में BSF से निकाल दिया गया था।
उन्होंने इसके खिलाफ हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट में शिकायत की है, जहां मामले की सुनवाई चल रही है।
यादव ने बताया कि इस मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर को है और वो अपने वकील से सलाह लेकर चुनाव लड़ने का फैसला करेंगे। 26 सितंबर को वो अपना निर्णय सार्वजनिक करेंगे।
परिचय
खराब खाने का वीडियो पोस्ट कर चर्चा में आए थे यादव
पूर्व सैनिक तेज बहादुर ने सेना में अपनी नौकरी के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था।
इस वीडियो में उन्होंने बताया था कि सैनिकों को खराब गुणवत्ता वाला खाना दिया जाता है। उन्होंने वीडियो में दिखाया था कि जवानों को पानी वाली दाल और जली हुई रोटियां खिलायी जाती हैं।
उनका यह वीडियो सामने आने के बाद खूब विवाद हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी रिपोर्ट तलब की थी।