पूर्व सैनिक तेज बहादुर यादव होंगे बनारस से सपा के उम्मीदवार, प्रधानमंत्री मोदी को देंगे टक्कर
प्रधानमंत्री मोदी के सामने कमजोर उम्मीदवार उतारने को लेकर आलोचना झेल रही समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। सपा ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने बनारस से पूर्व BSF सैनिक तेज बहादुर यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने शालिनी यादव को बनारस से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन बाद में उन्हें हटाकर तेज बहादुर को प्रधानमंत्री मोदी के मुकाबले में उतारा गया है। आइये, जानते हैं कौन हैं तेज बहादुर यादव।
निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे तेज बहादुर यादव
हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले तेज बहादुर यादव ने कई महीनों पहले ही घोषणा कर दी थी कि वो बनारस से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने बनारस में चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था। सोमवार को उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अजय राय को चुनावी रण मे उतारा है। अजय दूसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के सामने होंगे।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर दी जानकारी
ऐसे चर्चा में आए थे तेज बहादुर यादव
पूर्व सैनिक तेज बहादुर ने सेना में अपनी नौकरी के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो में उन्होंने बताया था कि सैनिकों को खराब गुणवत्ता वाला खाना दिया जाता है। उन्होंने वीडियो में दिखाया था कि जवानों को पानी वाली दाल और जली हुई रोटियां खिलायी जाती हैं। उनका यह वीडियो सामने आने के बाद खूब विवाद हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी रिपोर्ट तलब की थी।
अदालत में चल रहा है यादव का मामला
सोशल मीडिया पर BSF जवानों को दिए जाने वाले खाने की शिकायत का वीडियो वायरल होने के बाद यादव को BSF से निकाल दिया गया था। उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट में शिकायत की है, जहां मामले की सुनवाई चल रही है। वाराणसी जाने से पहले यादव ने कहा था कि वो पूर्व सैनिकों और किसानों के साथ अपने चुनाव प्रचार करेंगे। यादव ने कहा था कि वो इन चुनावों में सुरक्षा बलों में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाएंगे।
जवान के अलावा पूर्व जज और किसान भी मैदान में
कोर्ट की अवमानना के दोष में छह महीने की जेल काट चुके रिटायर्ड जज सीएस कर्णन भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। रिटायर्ड जज कर्णन ने पिछले साल अपनी पार्टी बनाई थी। इसी पार्टी से वे वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे। कर्णन ने बताया कि वो भ्रष्टाचार दूर करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, जज कर्णन का वाराणसी में कोई जनाधार नहीं है और न ही उनके लिए वहां काम करने वाले कोई कार्यकर्ता हैं।
मोदी के खिलाफ मैदान में होगे 111 किसान
विरोधी राजनीतिक पार्टियों के अलावा तमिलनाडु के 111 किसान भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। किसान नेता पी अय्याकन्नू ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी किसानों की ऋणमाफी, कृषि उत्पादों का उचित दाम आदि मांगे स्वीकार करती है तो किसान चुनाव के लिए नामांकन नहीं करेंगे। इसके बाद भाजपा ने किसानों की मांगों को अपने घोषणापत्र में शामिल करने की बात कही थी।