
नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस और भाजपा भिड़ीं, जानें किसने क्या कहा
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने सोमवार को 4:1 के बहुमत से केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया।
फैसले के बाद कांग्रेस और भाजपा ने एक-दूसरे पर निशाना साधा है।
भाजपा ने कहा कि नोटबंदी का फैसला देशहित में किया गया था जिसने आतंकवाद की रीढ़ को तोड़ने का महत्वपूर्ण काम किया, वहीं कांग्रेस ने कहा कि फैसले में नहीं कहा गया है कि नोटबंदी अपने मकसद में कामयाब रही या नहीं।
हमला
भाजपा ने पूछा- क्या देश से माफी मांगेंगे राहुल गांधी?
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "नोटबंदी आतंक के वित्त-पोषण, जाली नोट और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए की गई थी। इस ऐतिहासिक निर्णय को आज सुप्रीम कोर्ट ने सही पाया है, जबकि कांग्रेस ने इसे लेकर काफी हंगामा किया था।"
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी के खिलाफ अभियान चलाया था और अब कोर्ट के फैसले के बाद क्या वह देश से माफी मांगेंगे।
आरोप
नोटबंदी से देश के विकास को नुकसान पहुंचा- कांग्रेस
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला नोटबंदी की प्रक्रिया से जुड़ा है, न कि इसके प्रभाव से।
उन्होंने आगे कहा, "यह कहना कि कोर्ट ने नोटबंदी को सही बताया है, पूरी तरह भ्रामक और गलत होगा। नोटबंदी के फैसले से देश के विकास को नुकसान पहुंचा है क्योंकि इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) और असंगठित क्षेत्र खत्म हो गया था जिससे लाखों लोग बर्बाद हो गए।"
निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भी साधा सरकार पर निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया, 'मोदी सरकार द्वारा लागू नोटबंदी का परिणाम- 120 लोगों की जानें गई, करोड़ों लोगों का रोजगार छिना, असंगठित क्षेत्र तबाह हुआ, काला धन नहीं कम हुआ और नकली नोट बढ़े।'
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी का निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक गहरे जख्म की तरह हमेशा रहेगा।
फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को केवल इसलिए गलत नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि यह केंद्र सरकार का प्रस्ताव था।
कोर्ट ने कहा कि कि नोटबंदी का उद्देश्य कालाबाजारी और आतंकवाद के वित्त-पोषण को समाप्त करना था, लेकिन यह प्रासंगिक नहीं है कि उद्देश्य हासिल हो पाया या नहीं।
कोर्ट ने आगे कहा कि नोटबंदी किए जाने से पहले छह महीने के भीतर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार के बीच परामर्श हुआ था।
घोषणा
8 नवंबर, 2016 को हुई थी नोटबंदी की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 की रात अचानक देश को संबोधित करते हुए कालेधन को बाहर निकालने के लिए नोटबंदी का ऐलान किया था।
उस दौरान उन्होंने 1,000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।
हालांकि, इस फैसले को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका माना गया और नोटबंदी अपने तय लक्ष्यों को हासिल करने में भी कामयाब नहीं हो सकी।
इस फैसले को लेकर सरकार की आलोचना हुई थी।