सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री, रविवार को लेंगे शपथ
सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने दो दिनों तक मुख्यमंत्री के नाम पर विचार-विमर्श किया और सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी। पर्यवेक्षक के तौर पर हिमाचल भेजे गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुक्खू के नाम का ऐलान करते हुए बताया कि मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। सुक्खू हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री जैसे दिग्गजों को पछाड़कर मुख्यमंत्री बने हैं।
कल होगा शपथ ग्रहण समारोह
सुखविंदर सिंह सुक्खू रविवार को हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को भी शपथ दिलाई जाएगी। सुक्खू के नाम का ऐलान करने के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भाग लेंगे। नामों का ऐलान करने के बाद कांग्रेस नेता राज्यपाल से मिलने गए हैं।
सुक्खू ने गांधी परिवार का जताया आभार
मुख्यमंत्री के तौर पर नामित किए जाने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रदेश की जनता का आभारी हूं। हमारी सरकार बदलाव लाएगी। हिमाचल के लोगों से किए गए वादों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी है। हमें प्रदेश के विकास के लिए काम करना होगा।" उन्होंने आगे कहा कि वो उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ मिलकर टीम की तरह काम करेंगे।
हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख रह चुके हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू
1964 में जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक जमीनी नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई। सुक्खू 2013 से 2019 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने हमीरपुर जिले की नादौन विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है जहां उन्होंने भाजपा उम्मीदवार विजय कुमार को 3,363 वोटों से हराया। उन्होंने 2017 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी। वह इससे पहले 2003 से 2012 के बीच भी विधायक रहे थे।
पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आए थे मुकेश अग्निहोत्री
पांच बार के विधायक और हिमाचल प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में एक हैं। 58 वर्षीय अग्निहोत्री करीब 20 साल पहले पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आए थे और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2003 में हरोली सीट से पहली बार विधायक चुने गए। उन्होंने इसके बाद 2007, 2012, 2017 और 2022 में इसी सीट से जीत दर्ज की। अग्निहोत्री 2012 से 2017 तक पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मिला है स्पष्ट बहुमत
हिमाचल में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है और उसने राज्य की 68 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। पिछले पांच साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को 25 सीटों से संतोष करना पड़ा है। पहली बार चुनाव लड़ रही AAP अपना खाता भी नहीं खोल पाई है, वहीं तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। कांग्रेस की जीत के साथ ही हिमाचल में हर पांच साल पर सरकार बदलने का चलन बरकरार रहा है।