सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा- महबूबा मुफ्ती को कब तक हिरासत में रखने का इरादा?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा कि उसका जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को कब तक हिरासत में रखने का इरादा है। मामले पर स्थिति स्पष्ट करने की कहते हुए कोर्ट ने सरकार से कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि प्रशासन ने हिरासत में रखने की अधिकतम सीमा को पार कर दिया है। मुफ्ती की बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रही कोर्ट ने मुफ्ती के भाई को उनसे मिलने की इजाजत दे दी है।
पिछले साल 5 अगस्त से हिरासत में हैं महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती को पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले अन्य नेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था। तब उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 107 के तहत हिरासत में लिया गया था और इसके छह महीने पूरे होने पर फरवरी में उन पर जन सुरक्षा कानून (PSA) लगा दिया गया। इसके बाद जुलाई में PSA के तहत उनकी हिरासत को तीन महीने और बढ़ा दिया गया।
मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने हिरासत को दी थी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने PSA के तहत अपनी मां की हिरासत को चुनौती दी थी और उन्हें कोर्ट में पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कार्पस याचिका दायर की थी। अपनी इस याचिका में इल्तिजा ने कहा था कि मुफ्ती को श्रीनगर के पुलिस अधीक्षक द्वारा तैयार किए गई एक ऐसी फाइल के आधार पर हिरासत में रखा जा रहा है जिसमें मुफ्ती पर कई निजी और आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं।
सरकार ने कहा- कानून व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकता है मुफ्ती का व्यवहार
याचिका पर पहली सुनवाई 26 फरवरी को हुई थी और तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी कर मामले में जबाव दाखिल करने को कहा था। आज मामले की सुनवाई में सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार के हलफनामा दाखिल करने की जानकारी देते हुए कहा कि मुफ्ती को इसलिए हिरासत में रखा गया है क्योंकि उनका व्यवहार कानून व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकता है।
कोर्ट ने पूछा- क्या मुफ्ती को एक साल से अधिक हिरासत में रखा जा सकता है?
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस संजय किशन कौल ने सरकार से पूछा कि क्या महबूबा मुफ्ती को एक साल से अधिक समय के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। उन्होंने कहा, "आपको हमें दो चीजें स्पष्ट करनी हैं। पहली एक व्यक्ति को अधिकतम कितने समय तक हिरासत में रखा जा सकता है और दूसरी आपका प्रस्ताव क्या है और आप (मुफ्ती की) हिरासत को कितने समय तक जारी रखने का प्रस्ताव रखते हैं?"
सरकार को जबाव दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जबाव दाखिल करने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सरकार को दो हफ्ते का समय दिया है। इल्तिजा के संशोधित याचिका दायर करने के अनुरोध पर कोर्ट ने सुनवाई को 15 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया है।