सिविल सेवा अधिकारियों को 'कर्मयोगी' बनाएगी मोदी सरकार, कैबिनेट बैठक में मिशन को मिली मंजूरी
क्या है खबर?
देश की जनता के अधिक से अधिक और समय पर मदद के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने सिविल सेवा अधिकारियों को 'कर्मयोगी' बनाने का निर्णय किया है।
इसके लिए नेशनल प्रोगाम फोर सिविल सर्विसेज कैपेसिटी बिल्डिंग (NPCSCB) के तहत 'मिशन कर्मयोगी' चलाया जाएगा।
बुधवार को हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस मिशन के संचालन को मंजूरी भी दे दी गई है। इस मिशन में अधिकारियों को खास प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जानकारी
मिशन के तहत बढ़ाई जाएगी अधिकारियों की कार्यकुशलता
'मिशन कर्मयोगी' के तहत सिविल सेवा अधिकारियों की कार्यक्षमता और कार्यकुशलता को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य सिविल सेवा अधिकारियों को देश के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार करना है।
बयान
समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होने चाहिए अधिकारी- चंद्रमौली
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली ने कहा कि 'मिशन कर्मयोगी' सिविल सेवा अधिकारियों की व्यक्तिगत क्षमता बढ़ाने के साथ संस्थागत क्षमता बढ़ाने और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और इनोवेटिव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए।
इस मिशन के तहत उनके इन सभी कौशलों का विकास किया जाएगा।
प्रशिक्षण
अधिकारियों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री मोदी मसूरी के सिविल सेवा अधिकारियों के प्रशिक्षण केंद्र गए थे। वहां प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों के प्रशिक्षण में व्यापक बदलाव पर चर्चा की थी।
मिशन कर्मयोगी के तहत शुरू किए गए नए डिजिटल प्लेटफॉर्म से अब सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी कहीं भी बैठकर आसानी से ऑनलाइन प्रशिक्षण ले सकेंगे। इसमें मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट के माध्यम से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकेगा।
मूल्यांकन
ऐसे होगी 'मिशन कर्मयोगी' की निगरानी और मूल्यांकन
मिशन कर्मयोगी की निगरानी और मूल्यांकन चार चरणों में किया जाएगा।
इसमें प्रधानमंत्री का डैशबोर्ड विभागों के वार्षिक स्कोर कार्ड एवं रैंकिंग के साथ क्षमता विकास की वास्तविक सूचना, प्रत्येक विभागों द्वारा प्रस्तुत की गई वार्षिक योजनाओं का राष्ट्रीय आकांक्षाओं के साथ संरेखण, सिविल सेवाओं की स्थिति पर वार्षिक रिपोर्ट और निष्पक्ष लेखापरीक्षा यानी क्षमता विकास आयोग द्वारा नियमित लेखा परीक्षा और गुणवत्ता आश्वासन के अतिरिक्त इस कार्यक्रम के तीसरे पक्ष द्वारा लेखापरीक्षा के आधार पर निगरानी और मूल्यांकन करेगा।
राजभाषा विधेयक
जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक लाने का फैसला
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक-2020 लाने का फैसला लिया गया है।
इसके तहत वहां उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिन्दी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा रहेंगी।
उन्होंने बताया कि इस दौरान केंद्रीय कैबिनेट ने तीन प्रमुख MOU को भी मंजूरी दी। इसमें टेक्सटाइल मंत्रालय और जापान, माइनिंग मिनिस्ट्री और फिनलैंड तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा डेनमार्क के बीच MOU को सरकार ने मंजूरी दी है।