कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी सोनिया गांधी, पार्टी की बैठक में हुआ निर्णय
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की सोमवार को हुई हंगामेदार बैठक में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाए रखने का निर्णय किया गया है। सात घंटे तक चली बैठक में सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने और बनाए रखने पर लंबी चर्चा हुई और आखिर में उन्हें अगले छह महीने तक अध्यक्ष बनाए रखने के फैसले पर जाकर बैठक खत्म हुई। बैठक में नेतृत्व बदलाव को लेकर चली तीखी बहस के बाद भी कोई फैसला नहीं हो सका।
क्यों बुलाई गई थी CWC की बैठक?
CWC की यह बैठक सोनिया गांधी को करीब दो हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी। गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल समेत 23 कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया था। इसमें कहा गया था कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे।
बैठक शुरू होते ही सोनिया गांधी ने की थी इस्तीफे की पेशकश
सुबह बैठक की शुरुआत के साथ ही सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि वह अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहती हैं और उन्होंने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को विस्तृत जवाब भेजा है। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया। इसके बाद कई नेताओं ने आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए, लेकिन अध्यक्ष पद पर फैसला नहीं हो सका।
राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वालों पर लगाया भाजपा से मिलीभगत का आरोप
CWC की बैठक में राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर नेतृत्व पर सवाल खड़े करने वाले नेताओं पर भाजपा से मिलीभगत होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेताओं ने पत्र ऐसे समय पर लिखा गया जब कांग्रेस अपनी सबसे कमजोर स्थिति में थी और अंतरिम अध्यक्ष सोनिय गांधी की तबीयत ठीक नहीं थी। इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भाजपा से मिलीभगत के आरोप सिद्ध होने पर सभी पदों से त्यागपत्र देने की बात कही।
गांधी परिवार के समर्थक नेताओं ने की पत्र लिखने वाले नेताओं की आलोचना
सोनिया गांधी की इस पेशकश के बाद गांधी परिवार के समर्थक कई नेताओं ने उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने को कहा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हाईकमान को कमजोर करना कांग्रेस को कमजोर करना है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने कहा कि पत्र से ज्यादा पत्र की सामग्री ज्यादा निर्दयी है। उन्होंने सोनिया गांधी के त्याग के बारे में बात की और राहुल गांधी से अध्यक्ष पद संभालने को कहा।
इस कांग्रेस नेता ने खून से लिखी चिट्ठी
दिल्ली में कांग्रेस काउंसलर संदीप तंवर ने विवाद को लेकर अपने खून से चिट्ठी लिख दी। उन्होंने इसमें राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा जमीनी लड़ाई लड़ने वाले राहुल गांधी को अध्यक्ष नहीं बनाना पार्टी के हित में नहीं होगा।
इन नेताओं ने रखी गांधी परिवार से ही अध्यक्ष बनाने की मांग
बैठक में कांग्रेस के ज्यादातर नेता और कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गांधी परिवार से ही अध्यक्ष चुने जाने की मांग की। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।
लंबे समय तक कांग्रेस की कमान संभाल चुकी है सोनिया गांधी
बता दें 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुना गया था। उनके अध्यक्ष रहते हुए ही पार्टी ने साल 2004 और 2009 में केंद्र में सरकार बनाई थी।