राजस्थान में चढ़ा सियासी पारा, गहलोत खेमा बोला- भाजपा के संपर्क में हैं सचिन पायलट
क्या है खबर?
राजस्थान में पिछले कुछ दिनों में सियासी पारा ऊपर चढ़ गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे का कहना है कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भाजपा के संपर्क में हैं।
दूसरी तरफ अशोक गहलोत ने भाजपा पर सरकार गिराने की कोशिश करने के आरोप लगाए हैं।
गहलोत ने कहा कि राज्य कोरोना वायरस संकट का सामना कर रहा है, लेकिन भाजपा उनकी सरकार गिराने के प्रयास कर रही है।
भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया है।
कयास
पायलट लगा रहे अनदेखी का आरोप
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच काफी समय से तनातनी बनी हुई है।
सूत्रों का कहना है कि गहलोत मुख्यमंत्री बने रहने के साथ-साथ पार्टी के राज्य अध्यक्ष पद पर भी काबिज होना चाहते हैं। वहीं पायलट यह पद छोड़ने को तैयार नहीं है।
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सचिन पायलट पिछले कुछ समय से अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकारी अधिकारी भी उनकी बात नहीं सुन रहे।
सियासी हलचल
समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में रुके पायलट
सूत्रों ने बताया कि पायलट ने कांग्रेस हाईकमान से दखल की मांग की है। माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली तलब कर सकती है, जहां दोनों से बात की जाएगी।
NDTV के मुताबिक, सचिन पायलट अपने खेमे के कम से कम आठ विधायकों के साथ दिल्ली के एक होटल में रुके हुए हैं। वो यहां पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर अपना पक्ष रख सकते हैं।
राजस्थान
मुख्यमंत्री न बनाए जाने से नाराज हैं सचिन पायलट
साल 2018 में हुए चुनावों में सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे थे।
उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन जब चुनाव जीतकर कांग्रेस की सरकार बनी तो इसकी कमान अशोक गहलोत को सौंप दी गई।
इसके बाद से गहलोत और पायलट में खींचतान चल रही है।
पायलट को पांच विभागों के साथ उप मुख्यमंत्री बनाया गया और उन्हें कांग्रेस की प्रदेश इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
आरोप
एक दिन पहले गहलोत ने भाजपा पर लगाए थे आरोप
शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि भाजपा उनकी सरकार गिराने की कोशिशों में लगी हुई है।
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को उनको और उनकी सरकार को सहन नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें भरोसा है कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
जांच
राजस्थान में चल रही है जांच
गहलोत की तरफ से यह आरोप ऐसे समय में लगाए गए हैं जब राज्य पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो ने तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ राज्यसभा चुनावों से पहले कांग्रेस विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश करने के आरोप में शुरुआती जांच शुरू की है।
SOG ने गहलोत सरकार को अस्थिर करने के आरोप में भाजपा के दो नेताओं को भी उठाया है।
प्रतिक्रिया
भाजपा का क्या कहना है?
कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे इन आरोपों का भाजपा ने जोरदार खंडन किया है।
भाजपा के राजस्थान प्रमुख सतीश पूनिया ने कहा, "कोरोना संकट से निपटने और हर मोर्चे पर असफल रहने के बाद कांग्रेस अब लोगों को ध्यान हटाने के लिए हम पर आरोप लगा रही है। यह असल में पार्टी की आंतरिक कलह को दर्शाता कि कैसे कांग्रेस अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं कर रही है।"
सियासी हलचल
मध्य प्रदेश में गिरी थी कांग्रेस सरकार
याद दिला दें कि मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बागी होने के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी।
कमलनाथ से मतभेदों के चलते सिंधिया और उनके खेमे वाले कई विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था।
कांग्रेस सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
वहीं सिंधिया को भाजपा ने राज्यसभा की टिकट दी। चुनाव जीतकर सिंधिया राज्यसभा सांसद बन गए हैं।