जम्मू-कश्मीर में एक साथ हो सकते हैं लोकसभा-विधानसभा चुनाव, निर्वाचन आयोग की टीम करेगी दौरा
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चुनाव आयोग की बैठक में ये जानकारी निकलकर सामने आई है।
अब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की एक टीम 12 और 13 मार्च को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है।
चुनाव
जम्मू-कश्मीर में एक साथ हो सकते हैं चुनाव
डेक्कन हेराल्ड से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमें दोनों चुनावों के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम करने को कहा गया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए तैयारी चल रही है कि चुनाव आयोग संसदीय और विधानसभा चुनावों की एक साथ घोषणा कर सकता है।"
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार चुनाव 2014 में हुए थे। 2018 से यहां कोई निर्वाचित सरकार नहीं है।
तैयारियां
जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तैयारियां तेज
रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग की टीम केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न हितधारकों से मिल सकती है, जिनमें राजनीतिक पार्टियां, प्रशासन और पुलिस के प्रतिनिधि शामिल हैं।
इससे पहले 9 मार्च को मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने लोकसभा चुनाव के सुचारू संचालन के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशासन और पुलिस के साथ बैठक की। उन्होंने सुरक्षित, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के निर्देश दिए।
बयान
गुलाम नबी आजाद ने की जल्द चुनाव कराने की मांग
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव कराये जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, "हम सालों से विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि संसदीय चुनाव के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव होंगे। मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब और इंतजार नहीं कर सकते। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए।"
धारा 370
अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद ये पहला चुनाव
2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को 2 हिस्सों में बांट दिया गया था। अगर विधानसभा चुनाव होते हैं तो अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला चुनाव होगा।
परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 (PoK की 24 मिलाकर) हो गई है। बता दें कि आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल भी इसी साल जून में खत्म हो रहा है।