विपक्षी गठबंधन 'INDIA' को राहत, चुनाव आयोग बोला- नाम को लेकर नियंत्रित नहीं कर सकते
विपक्षी गठबंधन INDIA को अपने नाम को लेकर चुनाव आयोग (ECI) से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट में ECI ने कहा है कि हम जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत किसी भी राजनीतिक गठबंधन को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। ECI ने ये हलफनामा उस याचिका के जवाब में दिया है, जिसमें विपक्षी गठबंधन को INDIA नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने की मांग की गई है।
क्या है मामला?
कारोबारी गिरीश भारद्वाज ने दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर गठबंधन के नाम INDIA पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि विपक्षी दल इस नाम का इस्तेमाल केवल वोट के लिए कर रहे हैं और आगामी लोकसभा चुनावों में देश के नाम का अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं। भारद्वाज ने ये भी कहा था कि उन्होंने 19 जुलाई को ECI को आवेदन भेज नाम के इस्तेमाल के खिलाफ पार्टियों पर जरूरी कार्रवाई करने को कहा था।
क्या बोला चुनाव आयोग?
ECI ने कहा कि उसे जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29 ए के तहत किसी राजनीतिक दल के निकायों या व्यक्तियों के संघ को पंजीकृत करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, राजनीतिक पार्टियों के गठबंधनों को कानून या संविधान के तहत विनियमित संस्थाओं के तौर पर मान्यता नहीं दी गई है। ECI ने ये भी कहा कि उसके पास केवल चुनावों से जुड़े मामले देखने का अधिकार है।
चुनाव आयोग ने दिया पुराने फैसले का हवाला
अपने हलफनामे में ECI ने 2021 के केरल हाई कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया है। ये मामला डॉक्टर जॉज जोसेफ बनाम भारत सरकार का है। इसमें हाई कोर्ट ने ECI को राजनीतिक पार्टियों के नाम के संबंध में निर्देश देने से इनकार किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जन प्रतिनिधित्व कानून में राजनीतिक गठबंधन को किसी तरह की कानूनी इकाई नहीं बताया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
INDIA गठबंधन का गठन 18 जुलाई को विपक्षी पार्टियों की बेंगलुरू में हुई बैठक में तय हुआ था। बताया जाता है कि ये नाम रखने का सुझाव राहुल गांधी ने दिया था। इसे आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से लड़ने के लिए बनाया गया है। गठबंधन में कांग्रेस समेत 26 पार्टियां शामिल हैं। गठबंधन की अब तक 3 बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें नाम से लेकर चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई है।