सचिन पायलट चुनावी साल में ताकत दिखाने को तैयार, 16 जनवरी से शुरू करेंगे रैलियां
राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट अब लोगों के बीच जाने की तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पद की आस लगाए बैठे पायलट 16 जनवरी से पांच जिलों में 'किसान सम्मेलन' आयोजित करेंगे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इनमें शामिल नहीं होंगे। बता दें कि राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सचिन पायलट लगातार कांग्रेस नेतृत्व से अशोक गहलोत की जगह उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की गुहार लगा रहे हैं।
16 जनवरी से होगी शुरुआत
पायलट 16 जनवरी को नागौर, 17 जनवरी को हनुमानगढ़, 18 जनवरी को झुंझनु, 19 जनवरी को पाली और 20 जनवरी को जयपुर में सभाओं को संबोधित करेंगे। उनकी ये सभाएं ऐसे समय हो रही हैं, जब हाल ही में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से गुजरी है और 26 जनवरी से प्रियंका गांधी महिलाओं की रैलियों की शुरुआत करने वाली हैं। इन्हीं के साथ राजस्थान में कांग्रेस के चुनावी अभियान की शुरुआत हो जाएगी।
नेतृत्व को चुनौती नहीं- सूत्र
सचिन पायलट कई मौकों पर अपनी महत्वकांक्षाएं व्यक्त कर चुके हैं, लेकिन उनके करीबियों का कहना है कि ये रैलियां नेतृत्व को चुनौती नहीं है। सूत्रों ने कहा कि पायलट जमीन पर उतरकर लोगों से संपर्क बनाने के लिए ये रैलियां कर रहे हैं। पायलट राजस्थान को अपनी कर्मभूमि मानते हैं और वो राज्य में राजनीतिक रूप से सक्रिय रहना चाहते हैं। खासकर ऐसे समय में जब कांग्रेस में भारत जोड़ो यात्रा से उत्साह बना हुआ है।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बनी योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सचिन पायलट की रैलियों का कार्यक्रम राहुल गांधी की मंजूरी के बाद तय किया गया है। बता दें कि राजस्थान में पायलट ने कई किलोमीटर तक राहुल के साथ कदमताल की थी।
बजट में व्यस्त रहेंगे मुख्यमंत्री
सचिन पायलट ऐसे समय लोगों के बीच जा रहे हैं, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट तैयार करने में व्यस्त होंगे। विधानसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले इस बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं और इस बार कांग्रेस सरकार कई लोकलुभावन वादे कर सकती है। गौरतलब है कि सरकार बनने के बाद से ही पायलट और गहलोत के बीच समीकरण बिगड़े हुए हैं और कई मौकों पर दोनों के बीच तल्खियां सामने आ चुकी है।
पायलट को 'गद्दार' कह चुके हैं गहलोत
पिछले साल नवंबर में गहलोत ने सचिन पायलट को 'गद्दार' करार दिया था। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सचिन पायलट 'गद्दार' हैं और वह कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं। उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। गहलोत ने कहा था, "एक ऐसा शख्स जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं। एक ऐसा शख्स जिसने विद्रोह किया। उन्होंने पार्टी को धोखा दिया है और वह गद्दार हैं। ऐसे में हाईकमान कैसे उन्हें मुख्यमंत्री बना सकता है।"
मुख्यमंत्री पद को लेकर है दोनों नेताओं के बीच विवाद
गहलोत और पायलट के बीच विवाद 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने से बना हुआ है। उस दौरान शीर्ष नेतृत्व ने गहलोत को पायलट पर तरजीह देते हुए मुख्यमंत्री बना दिया था। इसके बाद पायलट ने साइडलाइन करने का आरोप लगाते हुए जुलाई, 2020 में बगावत कर दी थी। हालांकि, धीरे-धीरे उनके समर्थन विधायकों की संख्या घटती गई और वह अकेले पड़ गए। बाद में उन्होंने राहुल और प्रियंका गांधी के आश्वासन पर बगावत खत्म की थी।