राजस्थान: सियासी संकट के बीच होटलों में रुके विधायकों के वेतन पर रोक लगाने की मांग
राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच होटलों में रुके विधायकों के वेतन और दूसरे भत्तों पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसे लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि सचिन पायलट की बगावत के बाद से अलग-अलग होटलों में रुके राजस्थान के विधायकों को मिलने वाला वेतन, भत्ते और दूसरे लाभ रोक लिए जाएं। गौरतलब है कि राजस्थान में इन दिनों सियासी संकट जारी है।
क्या है राजनीतिक संकट का मामला?
सचिन पायलट ने खुद को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए गहलोत सरकार से बगावत कर दी थी। इसके बाद से उनके समर्थक विधायक हरियाणा के एक होटल में रुके हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने समर्थक विधायकों को टूटने से बचाने के लिए एक होटल में ठहराया है। पायलट और उनके खेमे के विधायक स्पीकर के नोटिस के खिलाफ अदालत में चले गए थे। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे विधायक- याचिकाकर्ता के वकील
यह याचिका विवेक सिंह जादौन ने दायर की है। उन्होंने हाई कोर्ट से पिछले कुछ हफ्तों से होटलों में रह रहे विधायकों के वेतन, मासिक भत्ते और दूसरे लाभ पर रोक लगाने की मांग की है। जादौन के वकील गजेंद्र सिंह राठौड़ ने इंडिया टूडे से कहा कि विधायकों को लोगों की सेवा के लिए चुना गया है, लेकिन वो होटलों में रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे हैं।
याचिका में कही गई हैं ये बातें
याचिका में कहा गया है कि लोगों की सेवा करने विधायकों का काम है। राजस्थान विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है। विधायकों का लोगों से कोई जुड़ाव नहीं है और वो अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। याचिका में आगे कहा गया है, 'इसके अलावा उनकी उपस्थिति में उनका काम करने वाला भी कोई नहीं है। इसलिए उन्हें किसी प्रकार का वेतन, कोई भत्ते या लाभ नहीं दिए जाने चाहिए।'
मंगलवार को हो सकती है याचिका पर सुनवाई
यह याचिका हाई कोर्ट की डबल बेंच के सामने दायर की गई है। मंगलवार को इस पर सुनवाई हो सकती है। जादौन ने कहा कि इसका मकसद विधायकों के होटल में रुकने की तरफ ध्यान खींचना है। याचिका में कहा गया है कि राजस्थान में एक विधायक को वेतन और भत्तों के मिलाकर लगभग 2.5 लाख रुपये प्रति महीने मिलते हैं। अगर इसमें दूसरे भत्तों को भी मिला दिया जाए तो यह रकम लगभग तीन लाख हो जाती है।
अगर वेतन दिया गया तो उसकी रिकवरी हो- याचिका
राठौड़ ने कहा कि दो नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई के कारण विधायक पांच सितारा होटलों में ठहरे हुए हैं। ये विधायक अपने विधासनसभा क्षेत्रों में नहीं गए हैं। ये पांच सितारा सुविधाओं का आनंद उठा रहे हैं, जबकि इनके क्षेत्रों में लोग कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए उन्हें बिना काम वेतन नहीं दिया जाना चाहिए। अगर इस अवधि के दौरान वेतन दिया गया है तो उसकी रिकवरी की जाए।