स्कूल में फेल होने वाली IAS अंजू ने पहले ही प्रयास में पास की UPSC परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है और इसे पास करने के लिए बहुत मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है। ऐसे में आज हम आपको IAS अधिकारी अंजु शर्मा की सफलता की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। वह स्कूल की कई कक्षाओं में फेल हुई थी, लेकिन सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर पुरानी असफलताओं को पीछे छोड़ दिया।
केमेस्ट्री और इकोनॉमिक्स में फेल हो गईं थीं अंजू
अंजू बताती हैं कि वह कक्षा 10 में केमेस्ट्री के विषय में प्री-बोर्ड परीक्षा में फेल हो गई थीं। इसके बाद कक्षा 12 में दोबारा उन्हें इस परिस्थिती का सामना करना पड़ा। वह कक्षा 12 में इकोनॉमिक्स के पेपर में भी फेल हो गई थीं। हालांकि, अन्य विषयों को उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ पास किया था और बाद में इस विषय की परीक्षा भी पास कर ली थी। हालांकि, उन्होंने कभी भी असफलताओं के आगे हार नहीं मानी।
स्कूल में फेल होने के बाद मिली सीख
उन्होंने बताया कि जब वे स्कूल में फेल हुईं तब वह समय उनके लिए बहुत कठिन था, लेकिन उनकी मां ने उन्हें सांत्वना दी और प्रेरित किया। उन्होंने यह सबक भी सीखा कि किसी को आखिरी कुछ घंटो की पढ़ाई पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस घटना से उन्होंने सीख ली और UPSC की तैयारी में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। यही कारण था कि यह परीक्षा उन्होंने पहले ही प्रयास में पास कर ली।
सिर्फ 22 साल की उम्र में पास की UPSC
अंजू का जन्म 1969 में राजस्थान में हुआ था। वह 1991 बैच की गुजरात कैडर की IAS अधिकारी हैं। यानी उन्होंने 22 साल की उम्र में ही देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली परीक्षा पास कर ली थी। उन्होंने जयपुर से BSc और MBA की डिग्री हासिल की है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे UPSC की परीक्षा की तैयारी में जुट गईं और पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल कर ली।
वर्तमान में सरकारी शिक्षा विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैं अंजू
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद अंजू की सबसे पहली पोस्टिंग 1991 में गुजरात के राजकोट में असिस्टेंट कलक्टर के पद पर हुई थी। इसके बाद उन्होंने गांधीनगर में जिला कलक्टर, सरकारी शिक्षा विभाग (उच्च और तकनीकी शिक्षा) सचिवालय, गांधीनगर में प्रधान सचिव सहित कई अन्य सरकारी पदों पर अपनी सेवाएं दीं। बता दें कि वर्तमान में वह गुजरात श्रम, रोजगार और कौशल विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
UPSC सिविल सेवा की चयन प्रक्रिया क्या है?
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में कुल 11 पेपर होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं और जो उम्मीदवार इनमें पास हो जाते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा में नौ पेपर देने होते हैं। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। मुख्य परीक्षा 1,750 नंबर और इंटरव्यू 275 नंबर का होता है। अंतिम परिणाम तीनों चरणों, प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू, के पूरा होने के बाद घोषित किया जाता है।