Page Loader
मनरेगा, RTE और RTI; इन ऐतिहासिक सुधारों के लिए याद किए जाएंगे मनमोहन सिंह 
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कई आर्थिक सुधारों की शुरुआत की थी

मनरेगा, RTE और RTI; इन ऐतिहासिक सुधारों के लिए याद किए जाएंगे मनमोहन सिंह 

लेखन आबिद खान
Dec 27, 2024
03:10 pm

क्या है खबर?

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके सम्मान में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है और पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। मनमोहन को आमतौर पर 1990 के दशक में लाए गए आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, लेकिन उनके नाम RTI, RTE और मनरेगा जैसे कुछ बड़े परिवर्तनकारी सुधार भी दर्ज हैं। आइए ऐसे सुधारों के बारे में जानते हैं।

मनरेगा 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम

2005 में मनमोहन सिंह की सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की शुरुआत की। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को सालाना 100 दिनों की रोजगार गारंटी मिलती है। इसे भारत की गरीबी के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा बदलाव माना गया, जिसने ग्रामीण भारत में लाखों लोगों को रोजगार और वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है। ये भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक योजना भी है, जिसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिली है।

अर्थव्यवस्था 

दुनिया के लिए खोली भारत की अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन ने आर्थिक उदारीकरण में अहम भूमिका निभाई और भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोला। उन्होंने नई औद्योगिक नीति पेश की, जिसने विलय और एकीकरण की सुविधा देकर कारोबारियों के लिए आसानी की। इस नीति ने सार्वजनिक क्षेत्र के एकाधिकार को समाप्त कर दिया और विदेशी इक्विटी निवेश की सीमा भी बढ़ाई। इसी समय देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए उन्होंने रुपये के अवमूल्यन से लेकर निर्यात बढ़ावा के लिए कदम उठाए।

RTI

RTI और RTE

मनमोहन सरकार ने 2005 में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम लागू किया। इसके तहत नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकारियों से सूचना मांगने का अधिकार दिया गया। पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर इसे बड़ा कदम माना गया। इसी के चलते कई बड़े घोटालों का खुलासा भी हुआ। 2010 में मनमोहन सरकार शिक्षा का अधिकार (RTE ) अधिनियम लेकर आई। इसके तहत 6-14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाती है।

परमाणु समझौता 

अमेरिका के साथ परमाणु समझौता

2008 में प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ असैन्य परमाणु समझौता किया। इसके तहत भारत ने पूर्ण असैन्य परमाणु सहयोग के लिए अमेरिका के समर्थन के बदले में अपनी असैन्य परमाणु सुविधाओं को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सुरक्षा उपायों के अंतर्गत रखा। इस समझौते ने भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान की। इस कदम के कारण मनमोहन सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना भी करना पड़ा था।

जानकारी

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम

2013 में मनमोहन सरकार ने करीब 70 प्रतिशत आबादी को सब्सिडी वाले खाद्यान्न देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम शुरू किया था। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं, चावल और मोटा अनाज दिया जाता था।