राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर खारिज होने वाले RTI आवेदनों की संख्या 83 प्रतिशत बढी- रिपोर्ट
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के मंत्रालयों में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर सूचना के अधिकार (RTI) आवेदनों को खारिज करने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
2020-21 में भले ही RTI आवेदनों को खारिज करने की दर 2.95 प्रतिशत कम हो गई है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर खारिज होने वाले आवेदनों की संख्या 83 प्रतिशत बढ़ी है।
केंद्रीय मंत्रालयों के तहत आने वाले 2,182 विभागों की तरफ से आवेदन रद्द करने के कारणों के विश्लेषण में यह जानकारी मिली है।
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आवेदन रद्द होने के कारणों का किया गया विश्लेषण
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव (CHRI) से जुड़े वेंकटेश नायक ने RTI आवेदन रद्द होने के कारणों का विश्लेषण किया था।
उन्होंने पाया कि 2019-20 में केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में लगभग 13 लाख RTI आवेदन आए थे, जो उससे पिछले साल की तुलना में 2.48 प्रतिशत कम थे। पूरे देश की बात करें तो इस दौरान 1.33 करोड़ आवेदन आए।
स्टील और स्वास्थ्य मंत्रालय से सबसे ज्यादा आवेदनों के जरिये जानकारियां मांगी गईं।
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राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर खारिज हुए ज्यादा आवेदन
विश्लेषण में पता चला कि खारिज किए 53,537 आवेदनों में से 1,024 को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर खारिज किया गया था, जबकि पिछले साल यह संख्या केवल 557 थी।
नायक ने कहा कि भले ही कुल आवेदनों को खारिज करने की दर कम हुई है, लेकिन सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर ज्यादा आवेदन खारिज कर रही है।
उन्होंने इसे परेशान करने वाले ट्रेंड बताते हुए कहा कि उपभोक्ता मंत्रालय ने भी 401 आवेदन इसी आधार पर खारिज किए।
जानकारी
इस प्रावधान के तहत भी खारिज किए जा रहे आवेदन
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने RTI आवेदन खारिज करने के लिए खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी से जुड़े प्रावधान का इस्तेमाल किया है, जबकि इस मंत्रालय के तहत कोई भी खुफिया या सुरक्षा एजेंसी नहीं आती है।
इस मंत्रालय ने कानून के सेक्शन 24 का इस्तेमाल कर कई आवेदन खारिज किए। इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार को छोड़कर सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित कोई भी जानकारी RTI के जरिये नहीं दी जा सकती।
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इन मंत्रालयों ने खारिज किए ज्यादा आवेदन
नायक ने कहा कि स्वास्थ्य और उपभोक्ता जैसै मंत्रालयों ने भी कोरोना वायरस महामारी वाले साल में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रावधान का हवाला देकर सैकड़ों आवेदन रद्द किए हैं। कई जानकारों ने इस पर चिंता जाहिर की है।
विश्लेषण में सामने आया कि वित्त, रक्षा, कार्मिक और शिक्षा समेत सात मंत्रालयों में आवेदन रद्द होने की दर घटी है। वहीं स्वास्थ्य, स्टील, विदेश और रेलवे मंत्रालय में पिछले साल की तुलना में ज्यादा RTI आवेदन रद्द किए गए हैं।
प्रतिक्रिया
क्या कहते हैं जानकार?
नेशनल कैंपेन फॉर RTI से जुड़ीं अंजलि भारद्वाज कहती हैं कि लोगों को जानकारी देने से इनकार करने के लिए उन मंत्रालयों या विभागों की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रावधान का इस्तेमाल करना, जो सीधे सुरक्षा के मामले से नहीं जुड़े हैं, दिखाता है कि वो लोगों के सवालों का जवाब नहीं देना चाहते।
उन्होंने कहा कि यह लोगों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर RTI आवेदन दायर करने से रोकने का एक तरीका है।